संसद में राहुल का बड़ा हमला: EC से लेकर एजेंसियाँ तक कब्ज़े में
राहुल गांधी बोले भारत बराबरी की बुनावट है, पर संस्थानों पर कब्ज़ा कर लोकतंत्र को तोड़ा जा रहा; सत्ता पक्ष के भारी व्यवधान के बीच EC, ED, CBI पर गंभीर आरोप।
Rahul Gandhi In Lok Sabha : लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चल रही बहस ने बुधवार को तब बड़ा राजनीतिक मोड़ लिया जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और आरएसएस पर संस्थाओं के “संगठित कब्ज़े” का आरोप लगाया। उनके भाषण के दौरान सत्ता पक्ष ने कई बार व्यवधान डाला, जिससे सदन का माहौल बेहद गरम रहा।
भारत 1.5 अरब धागों की बराबरी की बुनावट है
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने की बात करते हुए की। उन्होंने कहा कि भारत 1.5 अरब लोगों के धागों से बुना हुआ एक कपड़ा है। यह बुनावट वोट से चलती है। इसी वोट से संसद, विधानसभा और पंचायतें जन्म लेती हैं।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति बराबर है, यही विचार आरएसएस को असहज करता है।
वे बराबरी में विश्वास नहीं रखते। वे एक पदानुक्रम चाहते हैं और खुद को सबसे ऊपर रखते हैं।
आरएसएस का प्रोजेक्ट पूरे वोट सिस्टम का कब्ज़ा
राहुल ने दावा किया कि जब देश की सभी संस्थाएँ वोट से उभरती हैं, तो आरएसएस की योजना स्पष्ट हो जाती है “होलसेल कैप्चर ऑफ द वोट।”
इस पर सत्ता पक्ष ने शोर मचाया, जिसे राहुल ने “असहज सच” कहा।
गांधी का समान भारत खत्म करने की कोशिश संस्थाओं पर कब्ज़ा
राहुल बोले कि महात्मा गांधी के बराबरी वाले भारत के विज़न को खत्म करने की प्रक्रिया संस्थानों पर नियंत्रण से शुरू हुई।
उन्होंने आरोप लगाया कि हर कोई जानता है कि आज विश्वविद्यालयों में कुलपति कैसे लगाए जाते हैं।
इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने हस्तक्षेप किया और राहुल को विषय पर रहने की सलाह दी, जिस पर कांग्रेस सांसदों ने विरोध जताया।
रिजिजू बोले कि राहुल चुनाव सुधार पर बोल ही नहीं रहे।
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार सकारात्मक सुझाव सुनने को तैयार है, लेकिन विपक्ष के नेता चुनाव सुधारों पर कुछ बोल ही नहीं रहे हैं।
दोनों पक्षों के बीच हंगामा और बढ़ गया, KC वेणुगोपाल और ट्रेज़री बेंचेस में तकरार भी हुई।
एजेंसियों से EC तक राहुल का गंभीर आरोपों का सिलसिला
राहुल गांधी ने कहा कि संस्थागत कब्ज़े की प्रक्रिया कई चरणों में हुई:
1. ED, CBI, IT को कब्ज़े में लिया गया - राहुल बोले कि दूसरा कब्ज़ा ED, CBI और IT पर किया गया। विचारधारा से जुड़े अफ़सरों को व्यवस्थित तरीके से बैठाया गया।
2. सबसे खतरनाक कब्ज़ा इलेक्शन कमीशन का :
राहुल ने कहा कि चुनाव योग वह संस्था है जो देश के चुनावों को नियंत्रित करती है। मैंने पर्याप्त सबूत दिए हैं कि EC सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रही है। बीजेपी EC का इस्तेमाल लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रही है।
उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए जैसे CJI को पैनल से क्यों हटाया गया?
“क्या सरकार को देश के चीफ जस्टिस पर भरोसा नहीं? मैं चयन समिति में बैठता हूँ, लेकिन कोई ताकत नहीं है।”
इलेक्शन कमिश्नर को दंड से क्यों छूट दी गई?
उन्होंने कहा कि नया कानून EC को किसी भी कार्रवाई से लगभग मुक्त कर देता है।
CCTV कानून क्यों बदला?
“क्यों EC को CCTV फुटेज नष्ट करने का अधिकार दिया गया? यह सिर्फ डेटा नहीं, चुनाव चोरी का सवाल है।”
हरियाणा चुनाव चोरी हुआ—एक महिला के 22 और 200 वोट!
राहुल ने दावा किया कि एक ब्राज़ीलियाई महिला का फोटो हरियाणा की वोटर लिस्ट में 22 बार आया।
एक दूसरी महिला का नाम 200 बार दर्ज हुआ।
उन्होंने कहा कि मैंने EC से पूछा लेकिन जवाब नहीं मिला। यह EC पर पूरी तरह कब्ज़े का नतीजा है।
SIR के बाद बिहार की लिस्ट में 1.2 लाख डुप्लिकेट
राहुल ने कहा कि स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्टोरल रोल (SIR) लागू होने के बाद बिहार में 1.2 लाख डुप्लिकेट नाम सामने आए।
उनका निष्कर्ष स्पष्ट था कि मैं बिल्कुल निश्चित हूँ—इसी तरह ये पूरे देश में चुनाव जीत रहे हैं।
जाहिर है कि राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर हैं संस्थागत कब्ज़ा, EC की भूमिका पर सवाल, डुप्लिकेट वोटिंग के आरोप और चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर के दावे।
सत्ता पक्ष ने इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया, जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार बहस को सीमित कर राहुल की आवाज़ दबाना चाहती है।
चर्चा जिस तरह गरमाई है, उससे साफ है कि ये आरोप आने वाले दिनों में देश की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा करेंगे।