Exit Polls : जम्मू कश्मीर और हरियाणा में अबकी बार गैर भाजपा सरकार
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Exit Polls : जम्मू कश्मीर और हरियाणा में अबकी बार गैर भाजपा सरकार

90 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरण के चुनाव 1 अक्टूबर को संपन्न हुए, जबकि 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए एक चरण के चुनाव शनिवार को संपन्न हुए.


Exitpolls : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं और चुनाव विशेषज्ञ भी अपने अनुमान पेश करने लगे हैं. दोनों ही राज्यों की बात करें तो जो भी एग्जिट पोल दिखाए जा रहे हैं, उनमें गैर बीजेपी सरकार बनते दिखाया जा रहा है. देखना ये है कि 8 अक्टूबर को मतगणना में परिणाम यही रहने वाले हैं या फिर कुछ और.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव कराये गए, जो 1 अक्टूबर को संपन्न हुए, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए शनिवार (5 अक्टूबर) को एक ही चरण में चुनाव कराये गए. हरियाणा में मतदान शाम 6 बजे खत्म हो गया.


10 साल बाद हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव
जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ये पहले विधानसभा चुनाव हैं. इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे, उस समय बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन की सरकार बनायी थी. इस बार भी त्रिशंकु विधानसभा की आशंका है. 2014 में महबूबा मुफ़्ती की अगुआई वाली पीडीपी को 28 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, जो 19 जून 2018 तक चली थी. इसके बाद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया, जिसके बाद अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया और राज्य को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया. इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है, जबकि इंजीनियर राशिद के नेतृत्व वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी एक प्रमुख निर्णायक कारक हो सकती है.

हरियाणा में भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है
90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए मुख्य रूप से लड़ाई सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच है. भाजपा को इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कांग्रेस किसानों के विरोध, पहलवानों के विरोध और अग्निपथ की लहरों पर सवार होकर सत्ता में वापसी करना चाहती है.
2019 के हरियाणा चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी थी. भाजपा को 40 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं. भाजपा ने दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी से हाथ मिलाया था, जिसे 10 सीटें मिली थीं. मार्च में भाजपा-जजपा गठबंधन टूट गया, जबकि मई में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया और मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया गया. इस बार की बात करें तो तमाम एग्जिट पोल सभी ने हरियाणा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देते हुए राज्य में कांग्रेस सरकार बनने का इशारा किया है.


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