अप्रैल 2025 ऑटो बिक्री रिपोर्ट: पैसेंजर व्हीकल्स की रिकॉर्ड बिक्री, टू-व्हीलर्स में भारी गिरावट

Indian Automobile Market April 2025: अप्रैल 2025 में भारतीय ऑटो सेक्टर ने जहां कुछ क्षेत्रों में रिकॉर्ड ब्रेकिंग प्रदर्शन किया. वहीं, कुछ श्रेणियों को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा. आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि कंपनियां कैसे इस उतार-चढ़ाव वाले बाजार में संतुलन बनाती हैं.;

Update: 2025-05-19 08:58 GMT

Auto Sales April 2025 India: अप्रैल 2025 में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर ने मिला-जुला प्रदर्शन दर्ज किया. जहां एक ओर पैसेंजर व्हीकल्स (यात्री वाहन) की बिक्री ने अप्रैल महीने का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया. वहीं, टू-व्हीलर्स (दो-पहिया वाहन) की बिक्री में तेज गिरावट देखी गई.

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में कुल 23,18,882 यूनिट्स वाहनों का उत्पादन हुआ, जिसमें पैसेंजर व्हीकल्स, थ्री-व्हीलर्स, टू-व्हीलर्स और क्वाड्रिसाइकिल्स शामिल हैं. हालांकि, यह आंकड़ा पिछले साल अप्रैल की तुलना में 1.7% की गिरावट दर्शाता है.

सेगमेंट-वार बिक्री का हाल

पैसेंजर व्हीकल्स

अप्रैल 2025 में घरेलू बाजार में 3,48,847 यूनिट्स पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री हुई. यह आंकड़ा अप्रैल 2024 की तुलना में 3.9% की वृद्धि को दर्शाता है. यह वृद्धि BMW, Mercedes-Benz, Jaguar Land Rover (JLR) और Volvo जैसे लग्ज़री ब्रांड्स के आंकड़े शामिल किए बिना दर्ज की गई है.

टू-व्हीलर्स

इस श्रेणी में कुल 14,58,784 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो कि पिछले साल की तुलना में 16.7% की भारी गिरावट है.

स्कूटर: 5,48,370 यूनिट्स (5.7% गिरावट)

मोटरसाइकिल: 8,71,666 यूनिट्स (22.7% गिरावट)

मोपेड्स: 38,748 यूनिट्स (7.6% गिरावट)

SIAM ने इस गिरावट का प्रमुख कारण पिछले साल की हाई बेस इफेक्ट को बताया है.

थ्री-व्हीलर्स

इस श्रेणी में अप्रैल 2025 में 49,441 यूनिट्स की बिक्री दर्ज हुई, जो कि पिछले साल से 0.7% कम है. पैसेंजर कैरियर श्रेणी में 2.0% की वृद्धि हुई, कुल बिक्री 40,167 यूनिट्स रही. गुड्स कैरियर्स की बिक्री में 7.7% की गिरावट रही, कुल 8,135 यूनिट्स बिके.

इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रदर्शन

ई-रिक्शा की बिक्री में 36.5% की भारी गिरावट आई. वहीं, ई-कार्ट्स ने 16.6% की बढ़त दर्ज की.

क्या कहता है बाजार?

पैसेंजर कार सेगमेंट में स्थिर मांग बनी हुई है, जो उपभोक्ताओं की बढ़ती क्षमता और शहरों में कारों की आवश्यकता को दर्शाता है. वहीं, टू-व्हीलर्स की मांग में गिरावट ग्रामीण बाजारों की कमजोरी और आर्थिक दबावों की ओर इशारा करती है. इलेक्ट्रिक वाहनों में भी विविधता देखने को मिली – कुछ श्रेणियों में तेजी तो कुछ में भारी गिरावट.

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