मंदी से जूझ रहे घरेलू कार इंडस्ट्री को माइक्रो SUV ने दिया सहारा, बिक्री चार्ट पर छाईं ये गाड़ियां

भारत में माइक्रो एसयूवी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. इस साल बिक्री में मंदी से जूझ रहे घरेलू कार उद्योग के लिए यह सेगमेंट एक आकर्षण का केंद्र बनकर उभरी है.

Update: 2024-09-14 13:24 GMT

Micro SUV Popularity Increasing: भारत में माइक्रो एसयूवी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. इस साल बिक्री में मंदी से जूझ रहे घरेलू कार उद्योग के लिए यह सेगमेंट एक आकर्षण का केंद्र बनकर उभरी है. इससे पता चलता है कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार भारत में पारंपरिक कारों की तुलना में अब लोग एसयूवी को पसंद करने लगे हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हुंडई मोटर इंडिया की एक्सटर और टाटा मोटर्स की पंच जैसी 10 लाख रुपये तक की कीमत में आने वाली छोटी एसयूवी की बिक्री चार्ट पर छाई हुई हैं, जो इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 72% बढ़ी है और घरेलू यात्री वाहन बिक्री में 1.8% की वृद्धि से आगे निकल गई है.

ऑटोमोटिव कंसल्टेंसी फर्म जाटो डायनेमिक्स के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल से जुलाई 2024 के बीच 175,330 छोटी एसयूवी बेची गईं, जो पिछले साल की समान अवधि में 101,855 इकाई थीं. छोटी एसयूवी की बिक्री में टाटा पंच और हुंडई एक्सेंट की बिक्री शामिल है और कुछ हद तक मारुति सुजुकी ब्रेज़ा, हुंडई वेन्यू और टाटा नेक्सन जैसे कॉम्पैक्ट मॉडल के एंट्री वेरिएंट भी शामिल हैं. अन्य भी इस तेजी से बढ़ते सेगमेंट में शामिल हो रहे हैं.

किआ मोटर्स अपना पहला माइक्रो एसयूवी मॉडल क्लाविया लॉन्च करने के बारे में प्लान कर रही है. जबकि हुंडई बेयोन कॉम्पैक्ट एसयूवी पर काम कर रही है, जो मारुति सुजुकी के लोकप्रिय फ्रोंक्स मॉडल को टक्कर देगी. फॉक्सवैगन ग्रुप की स्कोडा भी अगले साल की शुरुआत में अपनी पहली कॉम्पैक्ट एसयूवी काइलैक पेश करने के लिए तैयार है. छोटी एसयूवी की बिक्री में मजबूत वृद्धि ने अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान ₹10 लाख तक की कीमत वाले वाहनों में उनकी हिस्सेदारी 11% बढ़ा दी है.

वहीं, हैचबैक की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान हैचबैक की बिक्री में 17% की गिरावट आई है. इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं. वर्ष 2024 में अगस्त तक माइक्रो एसयूवी की बिक्री 86% बढ़ी ग्रामीण खरीदारों की बढ़ती आकांक्षाएं और एंट्री-लेवल सेगमेंट में किफायती एसयूवी की उपलब्धता, जिन्हें हैचबैक और एंट्री सेडान की तुलना में अधिक बहुमुखी और विशाल माना जाता है, भारतीय बाजार में छोटी एसयूवी की मांग को बढ़ा रही हैं.

माइक्रो एसयूवी इस साल सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट के रूप में उभरे हैं. ग्राहकों के पास अब एक्सटर जैसी एसयूवी बॉडी-स्टाइल वाली गाड़ियों का विकल्प है, जिसमें मानक के रूप में 6 एयरबैग, सनरूफ और डैशकैम सेगमेंट फर्स्ट फीचर्स हैं और वे एसयूवी द्वारा प्रदान की जाने वाली उपयोग में बहुमुखी प्रतिभा के लिए बाद वाले को पसंद कर रहे हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान विशेष रूप से दिलचस्प है. क्योंकि इस सेगमेंट में केवल दो मॉडल हैं- हुंडई एक्सटर और टाटा पंच. लेकिन इन दोनों गाड़ियों ने बाजार के अग्रणी को भी इस सेगमेंट में आने के लिए मजबूर कर दिया है. लोगों का कहना है कि मारुति सुजुकी ने टाटा पंच और हुंडई एक्सटर को टक्कर देने के लिए अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी ब्रेज़ा से नीचे की स्थिति में एक माइक्रो एसयूवी विकसित करना शुरू कर दिया है. वाहन दो साल में बिक्री के लिए उपलब्ध होने की संभावना है.

विशेषज्ञों का कहना है कि आज के खऱीदार गाड़ियों को लेकर काफी समझदार हैं. वे कीमत के बावजूद अभिनव और सुविधा संपन्न उत्पाद चाहते हैं, चाहे वह 10 लाख रुपये से कम हो या उससे अधिक; वे कार के लिए भुगतान करने को तैयार हैं, अगर उन्हें इसमें मूल्य दिखाई देता है. साल 2024 के पहले आठ महीनों के व्यापक आधार पर भी, माइक्रो एसयूवी की बिक्री में 86% की वृद्धि हुई है. जबकि कुल एसयूवी सेगमेंट की बिक्री में 19% की वृद्धि हुई है. क्योंकि बॉक्सी बॉडी-स्टाइल वाली ज़्यादातर गाड़ियों को एसयूवी के तौर पर लेबल किया जाता है. ऐसे में ग्राहकों का रुझान इनकी ओर बढ़ रहा है और वे छोटी हैच और सेडान से दूर हो रहे हैं. आजकल ग्राहक ऊंची सीटिंग पोजीशन वाली बड़ी कारें पसंद करते हैं. हैच के मामले में, डिज़ाइन ही वाहन के अंदर उपलब्ध जगह को सीमित कर देता है. जबकि सेडान में, बूट वाहन के इंटीरियर के आकार को छोटा कर देता है और यह देखते हुए कि आज ये दोनों बॉडी स्टाइल एक ही कीमत रेंज में उपलब्ध हैं.

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