कांग्रेस के आरोपों पर ICICI बैंक का बयान, रिटायरमेंट के माधवी बुच को नहीं दी गई कोई सैलरी या ESOP

आईसीआईसीआई बैंक से रिटायरमेंट के बाद माधबी बुच द्वारा वेतन लेने के दावों के बीच प्राइवेट ऋणदाता ने स्पष्टीकरण जारी किया.

Update: 2024-09-02 14:38 GMT

ICICI Bank Clarification: आईसीआईसीआई बैंक से रिटायरमेंट के बाद माधबी बुच द्वारा वेतन लेने के दावों के बीच प्राइवेट ऋणदाता ने सोमवार को स्पष्टीकरण जारी किया. बैंक ने अपने एक बयान में कहा कि सेबी प्रमुख को कोई वेतन या ईएसओपी नहीं दिया गया था.

आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक या इसकी समूह कंपनियों ने माधबी पुरी बुच को सेवानिवृत्ति के बाद केवल रिटायरमेंट बैनिफिट्स के कोई वेतन नहीं दिया या कोई ईएसओपी नहीं दिया गया है. उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 से प्रभावी सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था.

बता दें कि बैंक का यह स्पष्टीकरण तब आया, जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बुच ने नियमों के संभावित उल्लंघन में बाजार नियामक के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नामित होने के बावजूद बैंक से वेतन लेना जारी रखा. बुच को उनकी रिटायरमेंट के बाद किए गए सभी भुगतान आईसीआईसीआई ग्रुप के साथ उनके नौकरी चरण के दौरान अर्जित किए गए थे. बैंक ने बयान में कहा कि इन भुगतानों में ईएसओपी और सेवानिवृत्ति लाभ शामिल हैं.

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने सोमवार को सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के नए आरोप लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी नियुक्ति पर कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रमुख के रूप में सफाई देने को कहा. विपक्षी दल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इन ताजा खुलासों का संज्ञान लेना चाहिए और मांग की कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब से वर्तमान सेबी चेयरपर्सन ने 2017 में पदभार संभाला है, तब से वह न केवल सेबी से वेतन ले रही हैं, बल्कि आईसीआईसीआई बैंक में लाभ का पद भी संभाल रही हैं और आज भी उनसे आय प्राप्त कर रही हैं. कांग्रेस ने यह भी सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री को पता था कि सेबी चेयरपर्सन सेबी में अपने कार्यकाल के दौरान लाभ का पद संभाल रही थीं और आईसीआईसीआई से वेतन/आय प्राप्त कर रही थीं.

उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को पता था कि सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में मौजूदा सेबी अध्यक्ष आईसीआईसीआई और उसके सहयोगियों के खिलाफ शिकायतों का निपटारा कर रहे थे और साथ ही आईसीआईसीआई से आय भी प्राप्त कर रहे थे? सेबी के मौजूदा अध्यक्ष को आईसीआईसीआई से ईएसओपी (कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना) लाभ क्यों मिल रहे थे. जबकि वे बहुत पहले ही समाप्त हो चुके थे?

कांग्रेस के ताजा आरोप हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष बुच के खिलाफ एक ताजा हमला करने के कुछ दिनों बाद आए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी है. बुच ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके वित्त के बारे में सब कुछ खुला है. अडानी समूह ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला करार दिया और कहा है कि उसका सेबी अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.

Tags:    

Similar News