हिंडनबर्ग विवाद : अडाणी के लिए खुशखबरी, एमएससीआई ने अडानी समूह के शेयरों से रोक हटाई
इन परिवर्तनों में अडानी समूह और उससे जुड़ी प्रतिभूतियों के लिए शेयरों की संख्या, विदेशी समावेशन कारक और घरेलू समावेशन कारक के अपडेट शामिल होंगे.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-13 09:29 GMT
Hindenburg Adani: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के लोए रहत भरी खबर आई है. वैश्विक सूचकांक सेवा प्रदाता मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इन्वेस्टमेंट (एमएससीआई) ने मंगलवार (13 अगस्त) को घोषणा की कि वो अडानी समूह और उसकी सहायक कंपनियों के शेयरों पर लगी रोक हटा रही है.
ये घोषणा शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के नए दावों के बीच आई है, जिसमें कहा गया है कि हितों के टकराव के कारण सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच अडानी समूह द्वारा स्टॉक हेरफेर के आरोपों की गहन जांच नहीं कर पा रही हैं.
क्या परिवर्तन हैं?
अगस्त 2024 सूचकांक समीक्षा के साथ लागू होने वाले इन परिवर्तनों में अडानी समूह और उससे संबंधित प्रतिभूतियों के लिए शेयरों की संख्या (एनओएस), विदेशी समावेशन कारक (एफआईएफ) और घरेलू समावेशन कारक (डीआईएफ) के अपडेट शामिल होंगे.
एमएससीआई द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "एमएससीआई अडानी समूह और संबंधित प्रतिभूतियों, जिनमें फ्री फ्लोट से संबंधित प्रतिभूतियां भी शामिल हैं, पर निगरानी जारी रखेगी और उचित होने पर आगे भी सूचना जारी करेगी."
एमएससीआई, जिसने अडानी एनर्जी और अडानी एंटरप्राइजेज को वैश्विक मानक सूचकांक से हटा दिया था, ने ये भी कहा कि वो दोनों कंपनियों के लिए धन जुटाने पर विचार करेगा.
शेयरों में उछाल
एमएससीआई की घोषणा से अडानी समूह के शेयरों में 5 प्रतिशत की उछाल आई, जिनमें सोमवार को इंट्रा-डे के दौरान भारी गिरावट आई थी. सेबी प्रमुख और अडानी समूह दोनों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बकवास बताया, लेकिन समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को शुरुआती कारोबार में 5.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई, जबकि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड में 17 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि समूह के सभी 10 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. लेकिन दिन के दौरान शेयरों ने नुकसान की भरपाई कर ली. कारोबार के अंत में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के शेयर हरे निशान में बंद हुए। कुल मिलाकर अडानी के शेयरों के बाजार पूंजीकरण में 22,064 करोड़ रुपये की गिरावट आई.
सेबी प्रमुख, अडानी समूह ने आरोपों से किया इनकार
बुच और उनके पति ने रविवार को एक बयान जारी कर हिंडेनबर्ग की नवीनतम रिपोर्ट को सेबी की विश्वसनीयता पर हमला और "चरित्र हनन" का प्रयास बताया.
बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति और मार्च 2022 में अध्यक्ष के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था, और ये निवेश "सिंगापुर में रहने वाले निजी नागरिकों" की हैसियत से किए गए थे। सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये फंड "निष्क्रिय" हो गए.
हिंडेनबर्ग ने कहा, "सेबी को अडानी मामले से संबंधित निवेश निधियों की जांच करने का काम सौंपा गया था, जिसमें सुश्री बुच द्वारा व्यक्तिगत रूप से निवेश किए गए फंड और उसी प्रायोजक द्वारा निवेश किए गए फंड शामिल होंगे, जिन्हें हमारी मूल रिपोर्ट में विशेष रूप से उजागर किया गया था. ये स्पष्ट रूप से हितों का एक बड़ा टकराव है."
अडानी समूह ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताया है और कहा है कि उसका सेबी अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.