तीसरे दिन भी जूनियर डॉक्टरों का विरोध
पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के बाहर जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन अपना 'काम बंद करो' और धरना प्रदर्शन जारी रखा। इससे एक दिन पहले आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों और बंगाल सरकार के बीच आरजी कर अस्पताल गतिरोध को हल करने के लिए प्रस्तावित वार्ता विफल हो गई थी।आंदोलन में भाग लेने वाले 26 मेडिकल कॉलेजों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 30 चिकित्सक बैठक के लिए नबन्ना गए थे, लेकिन सरकार द्वारा वार्ता की लाइव-स्ट्रीमिंग की डॉक्टरों की मांग को स्वीकार नहीं करने के बाद यह बैठक विफल हो गई।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक का लाइव-स्ट्रीमिंग नहीं किया जा सकता, जैसा कि उनकी मांग है, क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इसे रिकॉर्ड करने और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से रिकॉर्डिंग उन्हें सौंपने की व्यवस्था की है।
आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय 'स्वास्थ्य भवन' के बाहर उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक पुलिस आयुक्त, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवा निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक के निलंबन सहित प्रमुख मांगें पूरी नहीं हो जातीं।प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के मंच के सदस्यों ने कहा, "हम अपना काम फिर से शुरू करना चाहते हैं, लेकिन तब तक नहीं जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।" राज्य सरकार और सीएम ने डॉक्टरों से बार-बार काम पर लौटने का आग्रह किया है। हालांकि गुरुवार की वार्ता विफल रही, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे अभी भी एक बैठक चाहते हैं, लेकिन केवल पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से, जो उनका मानना है कि केवल लाइव-स्ट्रीमिंग के माध्यम से ही संभव है। डॉक्टरों ने कहा कि कई आम लोगों ने भोजन और आवश्यक सामान लाकर या तो दुर्गा पूजा उत्सव के बजट में कटौती करके या प्रदर्शनकारियों के साथ जन्मदिन मनाकर सहज एकजुटता दिखाई।