लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बंबिहा का आपराधिक सफर

- सोपू के झगड़े से गैंगवार तक की कहानी - पंजाब यूनिवर्सिटी से गैंगस्टर बनने तक का सफर - यूनिवर्सिटी का झगड़ा खूनी गैंगवार में बदला

Update: 2024-04-29 08:39 GMT



गैंगस्टर्स के बीच चल रही गैंगवार की कड़ी में हम बात करेंगे दो सबसे कुख्यात गैंग की, जिनका नाम काफी चर्चा में है. ये नाम हैं लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बंबिहा. दोनों पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं और स्टूडेंट्स आर्गेनाईजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी(SOPU) के अध्यक्ष भी रहे. अब इन दोनों ही गैंग ने देश भर के अलग अलग राज्यों में स्क्रीन अलग-अलग गैंगस्टर के साथ गठबंधन किया है जिसकी वजह से देश भर में इनका नेटवर्क फैल चुका है और आए दिन कहीं ना कहीं इन गैंग के बीच गैंगवार जाती रहती है.

पहले बात करते हैं दविंदर बंबीहा की

दविंदर बंबीहा पंजाब के मोगा जिला के बंबिहा गांव का रहने वाला था. उसका असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था. पुलिस का दावा है कि दविंदर एक कबड्डी प्लेयर था और वो यूनिवर्सिटी में कबड्डी टीम का सदस्य भी था. वो 2009 में सोपू का अध्यक्ष भी रह चुका था. दविंदर के गांव के कुछ दोस्तों का किसी से झगड़ा हुआ और एक व्यक्ति की मौत हो गई. हत्या के उस मामले में दविंदर को भी गिरफ्तार किया गया. इसके बाद वो जेल में भी रहा. पुलिस का दावा है कि जेल में रहने के दौरान दविंदर अन्य गैंगस्टर के संपर्क में आया और फिर वो जेल तोड़कर भाग निकला. इसके बाद उसने अपना एक गैंग खड़ा किया और वो एक शूटर भी बन गया. दविंदर पंजाब पुलिस के लिए एक चैलेंज बन चुका था. 2016 में पंजाब पुलिस ने एक एनकाउंटर में दविंदर को बठिंडा जिले में मार गिराया. दविंदर सिर्फ 26 साल का था. पुलिस का दावा है कि दविंदर की मौत के बाद उसके ज्ञान की कमान लकी पटियाल ने संभाली, जो फिलहाल आर्मेनिया में रह कर गैंग संभाल रहा है.

अब लॉरेंस बिश्नोई के बैकग्राउण्ड में जाते हैं


लॉरेंस 2010 में पढ़ने के लिए अपने गांव से चंडीगढ़ गया था. पुलिस के अनुसार 2011-12 में लॉरेंस सोपू का अध्यक्ष रहा. उसके खिलाफ पहला मुकदमा हत्या के प्रयास का दर्ज किया गया था. दिल्ली पुलिस से हुई पूछताछ में बिश्नोई ने यह खुलासा किया था कि उसे अपने सीनियर्स की संगत में रहना बेहद पसंद आता था. वह अपने सीनियर्स के साथ रहते हुए अति उत्साहित होकर कुछ भी कर देता था. वह कुछ बड़ा करने की फिराक में रहता था. 2015 में वह पुलिस का स्टडी से भाग निकला था. लॉरेंस बिश्नोई का नाम उसे समय सुर्खी में आया था, जब वर्ष 2018 में उसका साथी संपत नेहरा पकड़ा गया था. संपत नेहरा ने खुलासा किया था कि बॉलीवुड स्टार सलमान खान ने जब काले हिरण का शिकार किया था, तो उससे लॉरेंस बिश्नोई बेहद आहत हुआ था, क्योंकि वो बिश्नोई समाज से हैं और ये समाज काले हिरण को पवित्र मानता है.

2010 में शुरू हुआ था बंबिहा और बिश्नोई का विवाद

पुलिस का दावा है कि बंबिहा और बिश्नोई के बीच 2010 में विवाद हुआ था. दोनों उस समय यूनिवर्सिटी में ही थे और इसी के बाद से इन दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई. दोनों जब अपराध की दुनिया में उतर आये तो फिर पंजाब में वर्चस्व जमाने को लेकर एक दूसरे के खिलाफ रहे. दविंदर के एनकाउंटर के बाद लकी पटियाल और सुखप्रीत ने बंबिहा गैंग की कमान संभाली.

गोल्डी बरार के भाई और विक्की मिददुखेड़ा की हत्या ने और गहरी कर दी रंजिश

बंबिहा गैंग ने लॉरेंस में भाई जैसे दोस्त गोल्डी बरार के कजिन गुरलाल को हत्या कर दी. गुरलाल लॉरेंस का भी करीबी था. इस हत्या के बाद से बिश्नोई और बंबिहा गैंग की दुश्मनी और बढ़ गयी. गुरलाल सोपू का स्टेट प्रेसिडेंट था. उसकी हत्या का बदला लेते हुए बिश्नोई गैंग ने भी बंबिहा गैंग के सदस्य की हत्या लर दी. इसके बाद बंबिहा गैंग ने विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या कर दी. विक्की 2009 में सोपू का प्रेसिडेंट रह चुका था और अकाली दल की यूथ इकाई का भी पदाधिकारी था. इस हत्या से बिश्नोई गैंग काफी आहत हुआ था.

पॉलीवुड पर कब्जा जमाने के लिए बढ़ती रही रंजिश

पुलिस सूत्रों का दावा है कि बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग दोनों ही अपना दबदबा पॉलीवुड यानी पंजाब की फिल्म इंडस्ट्री/म्यूजिक इंडस्ट्री पर जमाने की होड़ में लग गए. दोनों ही गैंग अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते थे और इसी वजह से इन दोनों के बीच रंजिश भी बढ़ती चली गई.

बिश्नोई गैंग नर सिद्धू मूसेवाला की हत्या से बदला लेने का दावा किया

पंजाब म्यूजिक इंडस्ट्री में तेजी से उभर रहे सिद्धू मूसेवाला की हत्या मई 2022 में कर दी गयी. इस हत्या की ज़िम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली. साथ ही ये भी बताया कि बंबिहा गैंग से नजदीकी रखने की वजह से मूसेवाला की हत्या की गई. दरअसल सिद्धू मूसेवाला ने दविंदर बंबिहा पर एक गाना बनाया था.

दोनों गैंग ने अलग अलग गैंग से गठबंधन कर सैकड़ों की संख्या में बदमाशों को अपने साथ जोड़ा है

पुलिस का दावा है कि इस समय बिश्नोई गैंग देश के तमाम राज्य में फैल चुका है और उसकी गैंग में लगभग 700 से ज्यादा बदमाश जुड़े हुए हैं. वहीं बंबीहा गैंग भी पीछे नहीं है और वो भी उत्तर भारत के अलावा देश के कुछ अन्य राज्यों में अपनी जड़े फैला चुका है. उसके साथ छोटे बड़े लगभग 300 गैंग काम कर रहे हैं.

दोनों गैंग के बदमाश जेल और विदेश से कर रहे हैं संचालन

पुलिस का दावा है कि इन दोनों ही गैंग के कुछ बदमाश विदेश में है, तो कुछ जेल में और ये लोग विदेश और जेल दोनों जगह पर रहते हुए अपने गैंग चला रहे हैं.

मूसेवाला की हत्या का बदला लेने की खाई है कसम

बंबिहा गैंग ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या का बदला लेने की कसम खाई है और यही वजह भी है कि भारत के पंजाब व अन्य राज्यों में चलने वाली ये गैंगवार विदेश में भी पहुंच चुकी है. कनाडा आदि देशों में इन गैंग के सदस्यों ने एक दूसरे के गैंग के बदमाशों पर हमला कर उनकी जान भी ली है.

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