उत्तर प्रदेश के बरेली में नौ महिलाओं की हत्या, सीरियल किलर के साए से खौंफ

पुलिस को सभी मामलों में कुछ समानताएं मिली हैं - पीड़ित 45-55 आयु वर्ग के थे, दोपहर के समय खेतों में गला घोंटकर हत्या की गई, कपड़े अस्त-व्यस्त किए गए लेकिन यौन उत्पीड़न नहीं हुआ

Update: 2024-08-08 12:28 GMT

Serial Killer in Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के ग्रामीण इलाकों में एक सीरियल किलर का साया है. ऐसी आशंका खुद पुलिस ने जाहिर की है. साथ ही ये भी कहा गया है कि इस कथित सीरियल किलर के निशाने पर अधेड़ उम्र की महिलायें हैं, जिनकी उम्र 45 से 55 साल के बीच है. पुलिस ने ये आशंका ऐसे ही नहीं बल्कि पिछले 14 महीनों के भीतर मिले 9 महिलाओं के शव के आधार पर जताई है. पुलिस का कहना है कि इस हत्याओं को अंजाम देने के तरीके में कुछ समानताये भी हैं, इसलिए इनके पीछे किसी सीरियल किलर के हाथ होने का शक है.


दो थाना क्षेत्रों के बीच में ही मिले हैं सभी 9 शव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी शव 25 किलोमीटर के दायरे में दो पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों में पाए गए हैं. पुलिस को सभी मामलों में कुछ समानताएं भी मिली हैं.

हत्या करने का तरीका एक सा
पुलिस का कहना है कि अभी तक जो हत्याए हुईं हैं, उन सब में हत्यारे ने एक ही तरीके से वारदात को अंजाम दिया है. जैसे मृतक महिलाओं की उम्र 45 से 55 वर्ष के बीच है. सभी की हत्या दोपहर के समय की गयी, वो भी खेतों में. हत्या गला घोंट कर की गयी. साड़ी या चुन्नी से गला घोंटा गया. सभी के कपड़े अस्त-व्यस्त पाए गए, लेकिन यौन उत्पीड़न नहीं किया गया.

तीन स्केच किये गए हैं तैयार
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वे छह महीने से हत्यारे की तलाश कर रहे हैं और उन्होंने सीरियल किलर होने की संभावना से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि कुछ सुरागों के आधार पर तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए गए हैं.

गतिरोध
पुलिस के अनुसार पहला मामला पिछले साल जून में दर्ज किया गया था, जबकि ताजा मामला इसी साल 3 जुलाई का है. ताजा मामले में शाही शीशगढ़ इलाके के एक खेत में 45 वर्षीय महिला की लाश मिली. पुलिस को इस हत्या का पैटर्न भी पहले हुई हत्याओं की तरह ही लग रहा है. लेकिन पुलिस अब अपनी ही कार्रवाई को लेकर गतिरोध में है, क्योंकि पिछले साल पुलिस ने संदेह के आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, पर उसके बाद भी महिलाओं की हत्या होनी जारी है.

इलेक्ट्रॉनिक सेविलांस से की जा रही है निगरानी
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक निगरानी समेत सभी तरह की जांच से कोई नतीजा नहीं निकला है. वरिष्ठ अधिकारी अब हाल ही में जमानत पर रिहा हुए या जेल की अवधि समाप्त होने वाले कैदियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं 90 गांवों के किसानों की रिपोर्ट के आधार पर संदिग्धों के स्केच जारी किए जा रहे हैं.


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