कोलकाता बलात्कार-हत्या: पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आरोपी संजय रॉय ने क्या कहा?
सीबीआई सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी ने खुद को निर्दोष बताने के लिए झूठे और अविश्वसनीय जवाब दिए और दावा किया कि जब उसने पीड़िता को देखा तो वह पहले ही मर चुकी थी.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-26 04:08 GMT
RG Kar Medical College Rape Cum Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय का पोलीग्राफी टेस्ट जाँच टीम के लिए मददगार कम और उलझाने वाला ज्यादा साबित होता दिख रहा है. सूत्रों की मानें तो आरोपी संजय रॉय ने पोलीग्राफी टेस्ट के दौरान ये दावा किया है कि जब वो सेमिनार हॉल में पहुंचा तो लेडी डॉक्टर पहले से ही मृत अवस्था में पड़ी थी. संजय रॉय के इस जवाब से जाँच एजेंसी पशो पेश में है कि आखिर संजय रॉय ये दावा सच्चा है या झूठा?
आरोपी के उत्तर से असमंजस में है जांच एजेंसी
टाइम्स ऑफ इंडिया ने जांचकर्ताओं के हवाले से दावा किया है कि संजय रॉय पर किए गए पॉलीग्राफ परीक्षण में अपराध में खुद को निर्दोष बताने के उनके हालिया दावों से संबंधित कई अविश्वसनीय जवाब मिले हैं. जिन्हें सुनकर ऐसा लग रहा है कि आरोपी ने टेस्ट के दौरान झूठ बोला है. दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से कोलकाता आए पॉलीग्राफ विशेषज्ञों के एक दल ने ये परीक्षण किया.
रॉय घबराये हुए और चिंतित थे: सीबीआई
सीबीआई सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि दो घंटे की पूछताछ के दौरान रॉय “घबराया हुआ और चिंतित” नजर आया. रॉय ने कथित तौर पर दावा किया कि वो निर्दोष हैं. पोलीग्राफी टेस्ट के दौरान उसने कई “बयानों” का हवाला दिया, हालांकि जांचकर्ताओं ने उसके सामने “साक्ष्य” पेश किए, जिसमें फोरेंसिक निष्कर्ष भी शामिल थे, जो दिखाते हैं कि प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के दौरान वे अपराध स्थल पर मौजूद थे.
रॉय ने परीक्षण के दौरान जांचकर्ताओं को बताया कि उसने पीड़िता को सेमिनार हॉल में मृत पाया था और डर के मारे भाग गया था.
वकील ने सीबीआई पर एनएचआरसी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया
इस बीच, रॉय की वकील कबिता सरकार ने रविवार को आरोप लगाया कि सीबीआई ने बचाव पक्ष के वकील की अनुपस्थिति में पॉलीग्राफ परीक्षण करके राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा, "सीबीआई ने हमें ये नहीं बताया कि परीक्षण कब किया जाएगा. उन्हें हमें बताना चाहिए था ताकि हम उपस्थित हो सकें."
7 लोगों पर पॉलीग्राफ परीक्षण
सीबीआई ने रॉय और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत सात लोगों को पॉलीग्राफ टेस्ट से गुजरने की अनुमति मांगी है. इस टेस्ट को मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके नतीजे एजेंसी को आगे की जांच के लिए दिशा देते हैं. कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को रॉय को गिरफ़्तार किया था, एक दिन पहले 31 वर्षीय डॉक्टर का शव मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था. डॉक्टर के शव के पास मिले सीसीटीवी फुटेज और ब्लूटूथ डिवाइस के आधार पर रॉय को गिरफ़्तार किया गया, कथित तौर पर रॉय को कॉलेज के सेमिनार हॉल में घुसते हुए देखा गया था, जहाँ सुबह करीब 4 बजे शव मिला था.
रॉय ने अपने खिलाफ आरोपों से किया इनकार
रॉय (33) 2019 से कोलकाता पुलिस के साथ नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा था. आरोपी, जो एक प्रशिक्षित मुक्केबाज है, कथित तौर पर पिछले कुछ वर्षों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के करीब हो गया, जिसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पुलिस चौकी पर तैनात कर दिया गया. उसने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है.
'परिवर्तित अपराध स्थल'
सीबीआई ने पहले सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि जब उसने जांच अपने हाथ में ली थी, तब तक अपराध स्थल बदल दिया गया था, जिससे पता चलता है कि स्थानीय पुलिस ने ट्रेनी लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को छिपाने का प्रयास किया था. 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के चेस्ट विभाग के सेमिनार हॉल में लेडी डॉक्टर का शव गंभीर चोटों के निशान के साथ मिला था.
इस घटना से व्यापक विरोध प्रदर्शन भड़क उठा है.