Success Story: केरल के गांव से निकल इसरो की संभाली कमान, जानें- कौन हैं एस सोमनाथ

चांद पहुंचना इतनी असान बता नहीं है जितनी सुनने में लगती है. पिछले साल भारत ने चांद पर पहुंचकर इतिहास रच दिया था.

Update: 2024-07-02 09:32 GMT

ISRO Chandrayan 3: साल 2023 अगस्त के महीने में पूरे देश में एक अलग ही जश्न मनाया जा रहा था. इसी साल 23 अगस्त को भारत का चांद पर जाने का सफर पूरा हुआ था. जी हां, मून मिशन चंद्रयान 3 अपनी मंजिल यानी चांद पर सुरक्षित तरीके से उतर गया था. देश के लिए ये दिन गर्व का दिन था. क्या आपको पता है चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने के पीछे किसका हाथ था. आपको बता दें, ISRO के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुथुवल और उनकी टीम ने इस मिशन को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करी थी और उनकी ये मेहनत रंग भी लाई थी. ये पूरा मिशन एस सोमनाथ के कंधों पर था. आइए जानते हैं उनके बारे में.

केरल के रहने वाले सोमनाथ जी का जन्म साल 1963 में हुआ था. उनका पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है. उन्होंने अपनी पढ़ाई केरल से ही की है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हालिस करने के बाद उन्होंने बंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी. बचपन से ही सोमनाथ को विज्ञान और अंतरिक्ष में रुचि थी. साल 1985 में सोमनाथ विक्रम ने साराभाई स्पेस सेंटर को ज्वाइन किया. उन्होंने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी काम किया है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) से की थी.

कई सालों तक काम करने के बाद सोमनाथ विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और तरण प्रणोदन प्रणाली केंद्र के डायरेक्टर भी रहे चुके हैं. इसरो के मिशन में यूज हुए रॉकेट में तकनीकी पर काम इन दो संस्थानों ने ही किया है. चंद्रयान-3 मिशन के बाद डॉ. एस सोमनाथ के पास दो बड़े मिशन भी है. उन दो का नाम आदित्य-एल1 और गगनयान है.

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