JDU-TDP ने छोड़ा NDA का साथ! फिर भी बनेगी सरकार; समझिए गणित

साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एनडीए के दो सहयोगियों टीडीपी और जेडीयू को किंगमेकर की भूमिका में ला दिया है.

Update: 2024-06-05 11:57 GMT

Government Formation: साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एनडीए के सहयोगियों को किंगमेकर की भूमिका में ला दिया है. ये दोनों दल चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) है. अब जबकि बीजेपी अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं ला पाई है तो उसको सरकार बनाने के लिए एनडीए के सभी सहयोगियों की जरूरत होगी. खासकर टीडीपी और जेडीयू की. इस बार के लोकसभा चुनाव में टीडीपी को 16 सीट और जेडीयू को 12 सीट मिली है. अगर ये दोनों दल बीजेपी को समर्थन नहीं देती हैं और एनडीए से बाहर निकल जाती हैं तो फिर क्या सरकार का गठन हो पाएगा और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन पाएंगे? आइए समझते हैं.

इस बार एनडीए की सरकार बनाने में टीडीपी और जेडीयू की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है. क्योंकि, एनडीए ने 272 के बहुमत का आंकड़ा तो पार कर लिया है. लेकिन भाजपा 239 बहुमत से बहुत दूर है. ऐसे में उसे विशेष रूप से टीडीपी और जेडीयू पर निर्भर रहना होगा.

टीडीपी-जेडीयू

लोकसभा में 543 सीट हैं और सरकार बनाने के लिए 272 का बहुमत आंकड़ा चाहिए. एनडीए को तो 292 सीट के साथ पूर्ण बहुमत मिला है. लेकिन बीजेपी 272 के आंकड़े से काफी दूर है. अगर टीडीपी और जेडीयू एनडीए का साथ छोड़ देती है तो सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि उसके पास केवल 264 सीट ही रह जाएंगी यानी कि बहुमत से 8 सीट कम.

जेडीयू

अगर केवल नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़ देते हैं तो भी सरकार बनाने में कोई मुश्किल नहीं रहेगी. क्योंकि जेडीयू के पास 12 सीट है और नीतीश कुमार साथ नहीं रहते तो भी एनडीए के पास 280 सीट बची रहेंगी, जो बहुमत से 8 सीट ज्यादा हैं. ऐसे में सरकार बनाने में कोई मुश्किल नहीं आएगी.

टीडीपी

वहीं, अगर चंद्रबाबू नायडू एनडीए का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो भी सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. क्योंकि टीडीपी के पास 16 सीट हैं, अगर चंद्रबाबू नायडू एनडीए से बाहर हो जाते हैं तो भी सरकार बनाने के लिए बहुमत से 4 अधिक सीट यानी कि 276 बची रहेंगी.

सरकार बनाने का न्यौता

अगर एनडीए से टीडीपी और जेडीयू दोनों बाहर हो जाते हैं तो सरकार नहीं बन पाएगी. क्योंकि बहुमत से 8 सीट कम रह जाएंगी. हालांकि, सबसे बड़ा दल होने के नाते राष्ट्रपति सरकार बनाने के लिए बीजेपी को ही पहले आमंत्रित करेगीं. ऐसे में पीएम मोदी के पास शपथ लेने के बाद बहुमत साबित करने के लिए कुछ वक्त मिलेगा. ऐसे में अन्य के खाते में जो 18 सीट गई हैं, उनके जरिए बहुमत साबित किया जा सकता है.

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