प्रचार के बुखार में तपने लगा महाराष्ट्र, बयानों के जरिए पटखनी की तैयारी
महाराष्ट्र में अब सियासी प्रचार जोर पकड़ने लगा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को घेरने में जुट गए हैं।;
Maharashtra Assembly Polls 2024: सीट भी 288 और लक्ष्य भी 288। 2024 में महाराष्ट्र की गद्दी पर कौन काबिज होगा बड़ा सवाल है। पांच साल पहले की अगर बात करें तो जनादेश शिवसेना और बीजेपी को मिला था। लेकिन सीएम की कुर्सी पर तकरार कुछ ऐसे हुआ कि साथ छूटा। यही नहीं पिछले पांच साल में राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव यह हुआ कि कुछ 6 बड़ी पार्टियां सियासी रण में कूद पड़ी हैं। शिवसेना उद्धव पवार और एकनाथ शिंदे (ShivSena Eknath Shinde) के साथ साथ एनसीपी में शरद पवार और अजित पवार(Ajit Pawar) धड़ा आमने सामने हैं। मतदाताओं के दिल और दिमाग के हर कोने में अपनी जगह बनाने के लिए नेता बयानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। नरम-गरम बोल के जरिए एक दूसरे की कमियों और अपनी अच्छाई बताने की कोशिश हो रही है। गुरुवार को जहां राहुल गांधी ने बीजेपी(Mahayuti) की कलई खोली तो धुले में पीएम मोदी ने सूद समेत जवाब दिया।
ना पहिया ना ब्रेक ये है महा विकास अघाड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi Dhule Rally) ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी एक ऐसी गाड़ी है, जिसमें न तो पहिए हैं और न ही ब्रेक, और वहां ड्राइवर की सीट पर बैठने के लिए होड़ मची हुई है। 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केवल भाजपा के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन ही महाराष्ट्र का तेजी से विकास सुनिश्चित कर सकता है। मोदी ने कहा, "आप सभी महाराष्ट्र से मेरे जुड़ाव को जानते हैं।" उत्तर महाराष्ट्र के धुले जिले में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "हम लोगों को भगवान का दूसरा रूप मानते हैं, लेकिन कुछ लोग लोगों को लूटने के लिए राजनीति में हैं।
मोदी ने कहा कि जब भी उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से कुछ मांगा है, तो लोगों ने उन्हें पूरे दिल से अपना आशीर्वाद दिया है। मोदी ने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र के विकास ने जो गति पकड़ी है, उसे रुकने नहीं दिया जाएगा।" प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ही महाराष्ट्र को वह सुशासन दे सकती है, जिसकी जरूरत है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस केंद्र और महाराष्ट्र दोनों जगह सत्ता में थी, लेकिन उसे कभी मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की जरूरत महसूस नहीं हुई। मोदी ने कहा, "कांग्रेस एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ खड़ा करने का खतरनाक खेल खेल रही है, क्योंकि वह पार्टी कभी दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों को आगे बढ़ते नहीं देख सकती।"
संविधान- आरक्षण वाले राग की अलाप
हाल ही में नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी(Rahul Gandhi) द्वारा संविधान की प्रति को हाथ में लिए जाने से चुनावी राज्य महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। भाजपा यह जानना चाहती है कि राहुल गांधी क्या संदेश देना चाहते हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को राज्य में एमवीए गठबंधन के लिए प्रचार किया, जहां 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन में उन्होंने लाल कवर वाली संविधान की एक पतली प्रति हाथ में ली। सांगली जिले में एक चुनावी रैली में उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता पर अराजकतावादियों का गठबंधन बनाने का आरोप लगाते हुए पूछा, "भारत के संविधान की लाल प्रति दिखाकर राहुल गांधी क्या संदेश देना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि राहुल संविधान का अपमान करते हुए नाटक कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नागपुर के कार्यक्रम में संविधान का मजाक उड़ाया, जहां उपस्थित लोगों के बीच "खाली पन्नों वाली लाल किताबें" बांटी गईं। राजनीति में लाल रंग को अक्सर मार्क्सवादी या साम्यवादी विचारधारा से जोड़ा जाता है।