Maharashtra: सोमवार को शपथ ग्रहण संभव ! सीएम पद पर विवाद नहीं, लेकिन सस्पेंस बरकरार
मुख्यमंत्री पर फैसला महायुति नेताओं और भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा गठबंधन की शासन योजना के अनुरूप लिया जाएगा
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-24 13:58 GMT
Maharashtra Who Will Be CM : महाराष्ट्र विधानसभा में महायुती ने एतिहासिक जीत दर्ज की, जिसे लैंडस्लाइड विक्ट्री भी कहा जा सकता है. लेकिन अब सवाल ये खड़ा हुआ है कि इस बार महायुती की तरफ से मुख्यमंत्री किसे बनाया जायेगा. संख्या बल के हिसाब से भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है तो वहीँ चेहरे की बात करें तो चुनावों में एकनाथ शिंदे महायुती के मुख्यमंत्री थे और जब भी सवाल किया गया तो शिंदे मुख्यमंत्री हैं, ऐसा कह कर टाल दिया जाता रहा. लेकिन अब परिणाम के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बरकरार हैं. हालाँकि इस बीच ऐसी सम्भावना जताई गयी है कि सोमवार को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए शपथग्रहण हो सकता है, परन्तु सवाल अभी भी यही है कि मुख्यमंत्री कौन होगा?
शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए महायुति सहयोगियों के साथ बातचीत करने के लिए अधिकृत किया है.
इसी तरह, महायुति गठबंधन के नेता और भाजपा नेतृत्व मिलकर अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगे, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार (24 नवंबर) को संवाददाताओं से कहा। शनिवार को जब चुनाव नतीजे आने शुरू हुए तो शिंदे ने भी यही बात कही.
बावनकुले ने कहा कि ‘(मुख्यमंत्री पर) फैसला महायुति नेताओं और भाजपा के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया गठबंधन की शासन योजनाओं के अनुरूप होगी.
सोमवार को शपथ ग्रहण संभव
शिवसेना नेता दीपक केसकर ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है. उन्होंने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि नई सरकार को 25 नवंबर तक शपथ लेनी होगी क्योंकि निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हो सकता है. अजित पवार और एकनाथ शिंदे अपनी-अपनी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वे अपना खुद का नेता चुनेंगे जबकि मुख्यमंत्री पर फैसला दिल्ली में लिया जाएगा." उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है.
महाराष्ट्र चुनाव के आंकड़े
भाजपा नीत महायुति, जिसमें शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राकांपा भी शामिल है, ने शनिवार को 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर राज्य में सत्ता बरकरार रखी. कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी का सत्ता हासिल करने का सपना टूट गया और विपक्षी गठबंधन सिर्फ 46 सीटें हासिल करने में कामयाब रहा. भाजपा को 132 सीटें मिलीं, शिवसेना को 57, जबकि एनसीपी को 41 सीटें मिलीं.
एमवीए में एनसीपी (एसपी) उम्मीदवारों ने 10 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं.
बावनकुले ने पटोले पर हमला किया
रविवार को मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बावनकुले ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने कांग्रेस को “अस्वीकार” कर दिया है, और इसके राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने साकोली सीट पर लगभग 200 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि पटोले को अपने कुछ सहयोगियों की बात पर ध्यान देना चाहिए जो राज्य पार्टी प्रमुख के पद से उनका इस्तीफा मांग रहे हैं.
बावनकुले ने कहा, "यदि वह इस परिणाम से सबक नहीं सीखते हैं, तो अगले विधानसभा चुनाव के बाद वह सदन में नहीं रहेंगे."
कांग्रेस का “कर्म”
बावनकुले ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाज के सभी वर्गों ने भाजपा का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के झूठ के कारण ही किसी भी पार्टी को विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिल सकीं. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को मूर्ख बनाने में सफल रही, लेकिन वह विधानसभा चुनाव में उस सफलता को दोहराने में विफल रही.’’
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में महायुति की भारी जीत के बाद राज्य विधानसभा विपक्ष के नेता विहीन हो जाएगी, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के बाहर कोई भी पार्टी अनिवार्य न्यूनतम 29 सीटें नहीं जीत पाई है. बावनकुले ने कहा, "इस विधानसभा चुनाव में लोगों का जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का कोई नेता न होना कांग्रेस का कर्म है."
बावनकुले ने यह भी कहा कि भाजपा महाराष्ट्र में एक बड़ा सदस्यता अभियान शुरू करने की योजना बना रही है. भाजपा नेता ने कहा, "हमारा लक्ष्य 1.51 करोड़ नए प्राथमिक सदस्य बनाना है." उन्होंने भविष्य के चुनावों से पहले पार्टी के आधार को बढ़ाने के लिए एक नए प्रयास का संकेत दिया.
शिवसेना विधायक दल की बैठक
शिवसेना विधायक दल की बैठक रविवार शाम को होगी, जब उसके सभी नवनिर्वाचित सदस्य मुंबई पहुंच जाएंगे. पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम को सीएम शिंदे ने अपनी पार्टी की कार्यसमिति और नवनिर्वाचित सदस्यों की ऑनलाइन बैठक की, जिसमें उन्हें सहयोगी दलों के साथ बातचीत करने के लिए अधिकृत किया गया. उन्हें विधायक दल के नेता, मुख्य सचेतक और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति का भी अधिकार दिया गया.
एनसीपी ने अजित पवार को विधानसभा नेता चुना
इसी तरह, राकांपा ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष अजित पवार को विधानसभा में पार्टी का नेता चुना. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद सुनीत तटकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में पवार को विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया तथा उनके सहयोगी अनिल पाटिल को पुनः मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया. पाटिल विधायकों की उपस्थिति पर नजर रखेंगे और सत्र के दौरान विभिन्न विषयों पर बोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेंगे.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)