महाराष्ट्र : विदर्भ सीटों को लेकर MVA में दरार, कांग्रेस और शिवसेना (UBT) में तकरार

महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, जबकि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवसेना प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की मौजूदगी में बातचीत नहीं कर सकती।

Update: 2024-10-19 13:01 GMT

Mahavikas Aghadi Tension In Seat Distribution : महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के अन्दर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जोरों पर है. सबसे ज्यादा गहमागहमी कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच चल रही है. नौबत यहाँ तक आ पहुंची है कि गठबंधन पर कोई असर न पड़े इसके लिए कांग्रेस की तरफ से एक प्रतिनिधि को मुंबई भेजा गया है, सीधे उद्धव ठाकरे से बात करेंगे, ताकि सीट बंटवारा शांतिपूर्ण तरीके से हो सके और गठबंधन की गरिमा भी बनी रहे. दरअसल विवाद 288 में से लगभग 30 सीटों को लेकर उत्पन्न हुआ है, जिसे लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना ( UBT ) के सांसद संजय राउत के बीच काफी ज्यादा विवादस्पद माहौल पैदा हो गया.


कांग्रेस ने रमेश चेन्नीथला को भेजा ठाकरे के पास
महाराष्ट्र में जब नाना पटोले और संजय राउत के बीच गतिरोध बढ़ने की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को हुई तो तुरंत ही उद्धव ठाकरे से बातचीत के लिए रमेश चेन्नीथला को रवाना कर दिया गया. इसके पीछे वजह ये भी बतायी जा रही है कि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थीं कि शिवसेना (यूबीटी) ने पटोले की मौजूदगी में इस पुरानी पार्टी के साथ कोई विचार-विमर्श नहीं करने की धमकी दी है. वहीँ चेन्निथला ने इस यात्रा को लेकर मीडिया के सामने टाल मटोल वाला जवाब देते हुए कहा कि वो उद्धव ठाकरे से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए मिले थे. हालांकि, वो यह सुनिश्चित करने में सफल रहे कि एमवीए घटकों के बीच रुकी हुई सीट-बंटवारे की चर्चा अब फिर से शुरू हो जाएगी.

विदर्भ सीटों पर टकराव
राउत ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सीटों के बंटवारे पर निर्णय लेने में असमर्थ हैं और उन्होंने बातचीत को जल्द से जल्द पूरा करने की भावना पैदा करने की कोशिश की क्योंकि मतदान के लिए बस एक महीना बचा है. उन्होंने जोर देते हुए कहा, "लंबित निर्णय में तेजी लाई जानी चाहिए. (मतदान के लिए) बहुत कम समय बचा है. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें बार-बार दिल्ली (केंद्रीय नेतृत्व) को सूची भेजनी पड़ती है और फिर चर्चा होती है. (निर्वाचन क्षेत्र आवंटन पर) निर्णय जल्द से जल्द लिया जाना चाहिए."
पूर्वी विदर्भ में कुछ सीटें देने से कांग्रेस के कथित इनकार का जिक्र करते हुए राउत ने साफ शब्दों में कहा, "विदर्भ महाराष्ट्र का हिस्सा है, अलग राज्य नहीं है. हमने लोकसभा चुनाव में अपनी दो पारंपरिक सीटें - अमरावती और रामटेक - कांग्रेस को दे दी थीं और अब हमारे कार्यकर्ताओं को लगता है कि विधानसभा चुनाव में हमें और सीटें मिलनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि अगर हम अभी उम्मीद करते हैं तो इसमें कुछ गलत है."
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) ने रामटेक और नागपुर की कुछ सीटों के अलावा विदर्भ क्षेत्र की 10 सीटों पर जोर दिया. हालांकि, राज्य कांग्रेस प्रमुख ने उनकी मांग को खारिज करते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी के उन सीटों पर जीतने की बेहतर संभावना है.
गौरतलब है कि राउत ने शनिवार को भी कांग्रेस पर निशाना साधा. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि उनकी पार्टी और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (सपा) के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत पूरी हो गई है क्योंकि ये दोनों पार्टियां मुद्दों को सुलझाने की इच्छा और मानसिकता से प्रेरित हैं.

पटोले ने गतिरोध स्वीकार किया
राउत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पटोले ने कहा कि एमवीए में 25 से 30 विधानसभा सीटों को लेकर गतिरोध है और पार्टी की राज्य इकाई इस मामले में अपने आलाकमान द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का पालन करेगी. उन्होंने इस बारे में और विस्तार से नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि कई सीटों पर गतिरोध है, खास तौर पर मुंबई और विदर्भ में, जहां एमवीए पार्टियां एक दूसरे पर दावे कर रही हैं, जिससे अंतिम समझौते में देरी हो रही है.
पटोले ने कहा, "शिवसेना (यूबीटी) की सूची में लगभग 48 सीटें हैं और हमने (कांग्रेस) उनमें से 18 पर अपना दावा छोड़ दिया है. 25 से 30 सीटें ऐसी हैं जहां विवाद है. हमने अपनी पार्टी हाईकमान को इस बारे में सूचित कर दिया है और इस पर हमारा नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, हम उसका पालन करेंगे."
कांग्रेस नेता ने चुनाव पूर्व समझौता होने में देरी को लेकर हो रही आलोचनाओं को टालने की कोशिश करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया, "क्या (शिवसेना-यूबीटी नेता) संजय राउत और (राकांपा-सपा के महाराष्ट्र प्रमुख) जयंत पाटिल क्रमश: (अपने पार्टी प्रमुखों) उद्धव ठाकरे और शरद पवार से परामर्श किए बिना कोई अंतिम निर्णय लेंगे."
बताया जा रहा है कि शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के लिए 100-100 सीटें और एनसीपी (एसपी) के लिए 88 सीटें देने का फॉर्मूला प्रस्तावित किया है. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक पटोले ने कांग्रेस के लिए 125 सीटों से पीछे हटने से इनकार कर दिया है और वह शिवसेना (यूबीटी) के साथ विदर्भ में सीटें साझा करने के लिए तैयार नहीं हैं.

ठाकरे की चेतावनी
इस बीच, शिवसेना (UBT ) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को आगाह किया कि सहयोगियों, विशेषकर कांग्रेस के बीच सौदेबाजी को चरम बिंदु तक नहीं पहुंचने दिया जाना चाहिए.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने एमवीए के अन्य घटकों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत में शामिल अपने पार्टी नेताओं से यह नहीं सुना है कि 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को होने वाले चुनावों के लिए समझौता करने में कोई बड़ी समस्या थी.
ठाकरे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों - कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है और अगले 2 से 3 दिनों में इस पर सहमति बन सकती है. सीटों के आवंटन के लिए एमवीए दलों के बीच बातचीत के चलते पूर्व सीएम ने आगाह किया, "सहयोगियों के बीच सौदेबाजी को टूटने की स्थिति तक नहीं पहुंचने देना चाहिए."
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है और लोगों ने विधानसभा चुनावों में विपक्षी एमवीए को सत्ता में लाने का फैसला किया है.
एमवीए और सत्तारूढ़ महायुति ने अभी तक अपने बहुप्रतीक्षित सीट बंटवारे समझौते की घोषणा नहीं की है. 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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