एनडीए ने 'M' फैक्टर से शुरू किया चुनाव, 'N' फैक्टर पर आकर थमा
चुनाव के रुझानो से स्पष्ट है कि बीजेपी अकेले पूर्ण बहुमत के 272 के आंकड़ों से दूर है, हालाँकि एनडीए 272 के आंकड़े को पार कर गया है. नितीश की जेडीयू और चन्द्र बाबू नायडू एनडीए में किंग मकर की भूमिका में है
देश में जब भी कोई चुनाव होता है तो उसमें एम फैक्टर पर बड़ा जोर दिया जाता है. हाँ ये जरुर है कि हर राजनितिक दलों के लिए एम के मायने अलग अलग हैं. जैसे इंडिया गठबंधन से जुड़े हुए दलों के लिए एम का मतलब मुस्लिम होता है तो वहीँ बीजेपी के लिए एम के मायने मोदी है. एनडीए ने लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत अपने इसी एम फैक्टर से की. हर जगह तीसरी बार फिर मोदी सरकार का नारा दिया. लेकिन अब जब परिणाम अपने अंतिम पड़ाव पर है और बीजेपी 240 से 242 के बीच अटकी हुई है. हाँ ये जरुर है कि एनडीए 272 के आंकड़े को पार करके 292 पर पहुँच गया है. ऐसे में जिस हनव की शुरुआत एम फैक्टर से की थी, उसकी चाबी अब एन फैक्टर पर आकर थम गयी है. जानते हैं कि आखिर क्या है ये एन फैक्टर?
एन फैक्टर जिसके पास है सत्ता की चाबी
चुनाव परिणामों के बाद एन फैक्टर की चर्चा काफी तेज हो गयी है. हर कोई अचानक से एम की जगह एन फैक्टर की बात कर रहा है. तो यहाँ बता दें कि एन फैक्टर से मतलब है नितीश और नायडू. बिहार में नितीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड 14 सीटों पर आगे है और चन्द्र बाबु नायडू की तेलगु देशम पार्टी 16 सीटों पर. इन दोनों ही पार्टियों के साथ बीजेपी ने चुनाव से कुछ समय पहले ही गठजोड़ किया था और एनडीए का हिस्सा बनाया था.
नितीश कुमार तो इंडिया गठबंधन का हिस्सा थे लेकिन चुनाव से कुछ समय पहले ही वो एनडीए में शामिल हो गए. चन्द्र बाबू नायडू चुनाव से ऐन पहले एनडीए का हिस्सा बने. अब अगर हम सीटों पर गौर करें तो बीजेपी 240 सीट पर आगे चल रही है. इस हिसाब से बीजेपी 32 सीट पर पीछे है और यही वजह है कि सरकार बनाने के लिए एन फैक्टर बहुत जरुरी हो गया है. यही वजह है कि अब एन फैक्टर यानी नीतीश और नायडू सरकार बनाने में अभी तक किंग मेकर की भूमिका में दिख रहे हैं.