उत्तर प्रदेश के कुन्दरकी में मुस्लिम मतदाता बंटा सपा का पत्ता कटा

कुन्दरकी सीट पर मुस्लिम मतदातों की संख्या लगभग 65 प्रतिशत से ज्यादा है. ऐसे में भाजपा की जीत इस बात को दर्शाती है कि मुस्लिम वोटरों ने भी भाजपा को वोट दिया है.

Update: 2024-11-23 13:13 GMT

UP Bye elections : उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 7 सीटों पर जीत हासिल की जबकि समाजवादी ने बस दो पर. इस उपचुनाव को 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का सेमिफिनल कहा गया. लेकिन भाजपा की बात करें तो इस चुनाव में भाजपा ने इतिहास बनाया है, ख़ास तौर से मुरादाबाद मि कुन्दरकी सीट से, जहाँ पर 31 साल बाद भाजपा ने विजय ध्वज लहराया है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट पर मुसलमान आबादी लगभग 65 प्रतिशत है. ऐसे में भाजपा का जीत दर्ज करना एक बात को और स्पष्ट करता है कि मुसलमान ने भी भाजपा को वोट किया है, यही एक वजह है जो भाजपा के लिए इस जीत के मायने को और बढ़ा बनाती है. इस जीत में भाजपा के उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह की अपनी छवि भी है, जो मुसलमानों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं


कुन्दरकी
कुन्दरकी सीट की बात करें तो उपचुनाव में 57.7 प्रतिशत वोटिंग हुई. यहाँ पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 65 प्रतिशत है. इस मायने में भाजपा के लिए ये सीट हारना लगभग तय माना जा रहा था. समाजवादी पार्टी भी इस बात को लेकर कहीं न कहीं आश्वस्त थी. लेकिन जिस दिन वोटिंग हुई उस दिन समाजवादी पार्टी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए कि पुलिस मुस्लिम वोटरों को वोट नहीं करने दे रही है. उन्हें पोलिंग सेंटर तक नहीं जाने दिया जा रहा है. समाजवादी पार्टी की शिकायत पर कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गयी. लेकिन अब जब परिणाम आये तो ऐसी बात भी निकल कर आई कि मुसलमान वोटरों ने भी भाजपा को वोट दिया.

रामपुर को दोहराया
मुरादाबाद की कुन्दरकी सीट की बात की जाए तो भाजपा की इस जीत ने एक बार फिर से रामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत याद दिला दी. 2022 में रामपुर विधानसभा सीट पर आज़म खान की जगह दूसरा उम्मीदवार सपा ने उतारा था क्योंकि आज़म खान सांसद थे. लेकिन चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ और भाजपा के आकाश सक्सेना ने जीत दर्ज की. उस दौरान भी समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने मतदाताओं को पोलिंग सेंटर तक पहुँचने नहीं दिया.

मुस्लिम मतदाताओं को बाँटा
मुस्लिम वोटरों की बात करें तो ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मुस्लिम वोटरों का भाजपा के साथ जाना नामुमकिन है. लेकिन कुछ कारण हैं, जिसकी वजह से मुस्लिम वोटों में भाजपा ने सेंध लगा दी. कुन्दरकी सीट की बात करें तो यहाँ से जो पहले विधायक थे, उनके खिलाफ लोगों के समाजवादी पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ जनता में नाराज़गी थी. समाजवादी पार्टी में भीतर घात भी हुआ. भाजपा के उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह की छवि मुसलमानों के बीच भी अच्छी है.
रही बात मुसलमानों की तो यहाँ पर बीजेपी ने कहीं न कहीं मुसलामनों को बाँट कर समाजवादी पार्टी के वोटों को काट दिया. कुंदरकी में लगभग 70 हज़ार तुर्क मुसलमान हैं. समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार हाजी रिज़वान को बनाया, जिसकी वजह से कहीं न कहीं ग़ैर तुर्क ख़ास तौर से चौधरी मुसलमान उनके खिलाफ एक जुट हो गए. इसके अलावा हाजी रिजवान के साथ भीतरी घात भी हुआ. हालाँकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी में आपसी कलह रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वो इसे ठीक नहीं कर पाए.

महाराष्ट्र में गूंजा लेकिन कुन्दरकी में नहीं लगा बंटोगे तो कटोगे का नारा
उत्तर प्रदेश के उपचुनाव को सीधे तौर पर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ लीड कर रहे थे. योगी आदित्य नाथ ने बंटोगे तो काटोगे का नारा हर जगह लगाया लेकिन कुन्दरकी में नहीं. इसकी मुख्य वजह यही थी कि यहाँ 65 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमान है. अगर ये नारा लगता तो मुसलामन नहीं बंटता. दूसरा कारण ठाकुर रामवीर सिंह की अपनी छवि, जो मुसलमानों के बीच भी काफी लोकप्रिय है. इस चुनाव में ठाकुर रामवीर सिंह की एक फोटो भी बहुत वायरल हुई, जिसमें उन्होंने सर पर टोपी लगायी हुई थी.


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