वायनाड में अब तक का सबसे कम मतदान, प्रियंका गांधी के लिए क्या हैं मायने?
वायनाड लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया था. बता दें कि प्रियंका पहली बार चुनाव लड़ रही हैं.
Wayanad Lok Sabha constituency by-election: वायनाड लोकसभा क्षेत्र में बुधवार को हुए उपचुनाव के लिए वोट डाले गए. साल 2009 में इसके गठन के बाद से सबसे कम 64.72 प्रतिशत मतदान हुआ है. बता दें कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रही हैं.
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी के रायबरेली और केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन नियमानुसार, उनको एक सीट छोड़नी पड़ी थी. ऐसे में राहुल गांधी ने अपनी खानदानी सीट रायबरेली को अपने पास रखने का फैसला किया था. ऐसे में वायनाड लोकसभा सीट खाली हो गई थी. बाद में कांग्रेस ने इस सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया था. बता दें कि प्रियंका पहली बार चुनाव लड़ रही हैं.
ऐसे में जब उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा की, तब प्रियंका गांधी ने यहां से कांग्रेस की तरफ से नामांकन दाखिल कर दिया था. लेकिन इस बार लोगों ने मतदान प्रक्रिया में काफी कम भागीदारी दिखाई. जबकि, त्रिशूर में चेलाक्कारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी मतदान (72.54 प्रतिशत) वायनाड की तुलना में काफी अधिक था. प्रियंका गांधी वाड्रा वरिष्ठ सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी के लिए "5 लाख वोटों के बहुमत" के लिए प्रचार करने के बाद भी मतदान में महत्वपूर्ण गिरावट आई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने ऐसी किसी भी चिंता को खारिज कर दिया कि कम मतदान प्रतिशत प्रियंका गांधी के लिए उनके अनुमानित अंतर को प्रभावित करेगा. विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि कम मतदान का कारण सीपीआई (एम) के प्रभाव वाले क्षेत्रों में मतदाताओं में उत्साह की कमी है. मतदाताओं से समर्थन हासिल करने के लिए एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल और दीपा दासमुनि प्रियंका गांधी के साथ निर्वाचन क्षेत्र में नुक्कड़ सभाओं में शामिल हुए. साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि उनके अभियान के दौरान विधायक भी मौजूद रहें.
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने भी गांधी को पंचायत स्तर के प्रचार में मदद की. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, विपक्षी नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी प्रियंका गांधी वाड्रा के अभियान का नेतृत्व किया. इस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान वायनाड में भूस्खलन के कुछ महीने बाद ही हुआ था, जिसमें 231 लोग मारे गए थे और 47 अन्य अभी भी लापता हैं. प्रभावित गांवों मुंडक्कई, चूरलमाला और अट्टामाला के बचे हुए लोगों के लिए मेप्पाडी में मतदान केंद्र बनाए गए थे.