Avatar 3 Review: आग और राख में जलती कहानी, क्या विजुअल्स छिपा पाए स्क्रिप्ट की कमजोरी?
जेम्स कैमरून की अवतार 3 ‘फायर एंड ऐश’ शानदार विजुअल्स से आंखों को लुभाती है, लेकिन कहानी में नयापन नहीं दिखता.
साल 2009 में जब जेम्स कैमरून ‘अवतार’ लेकर आए थे, तब पूरी दुनिया पैंडोरा की नीली दुनिया में खो गई थी. शानदार विजुअल्स, इमोशनल कहानी और जबरदस्त वर्ल्ड-बिल्डिंग ने सिनेमा का इतिहास बदल दिया. फिर 2022 में ‘अवतार: द वे ऑफ वाटर’ के जरिए कैमरून दर्शकों को समंदर की गहराइयों में ले गए. अब तीसरी किस्त ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ के साथ कहानी आग, ज्वालामुखी और राख के बीच पहुंच चुकी है. सवाल ये है कि क्या इस बार भी जेम्स कैमरून वही जादू दोहरा पाए हैं या फिर शानदार विजुअल्स के पीछे कहानी कमजोर पड़ गई है?
कहानी: दर्द, आग और पुरानी दुश्मनी
फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां ‘द वे ऑफ वाटर’ खत्म हुई थी. जेक सुली और नेयतीरी अपने बेटे नेटियम की मौत के सदमे से अभी तक बाहर नहीं आ पाए हैं. पूरे परिवार पर दुख का साया है, खासकर छोटा बेटा लोआक, जो खुद को भाई की मौत का जिम्मेदार मानता है. इसी भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाने के लिए जेक का पुराना दुश्मन कर्नल माइल्स क्वॉर्टिच फिर से लौट आता है. इस बार वो पहले से ज्यादा खतरनाक प्लान के साथ आता है. उसकी ताकत बनती है एक नई और बेहद आक्रामक नावी जनजाति ‘मक्वान’, जो आग और ज्वालामुखी की दुनिया से आती है. एक तरफ इंसानों की आधुनिक मशीनें और हथियार हैं, तो दूसरी तरफ आग से खेलने वाले ये खूंखार नावी. अब सवाल है क्या जेक सुली अपने परिवार और पैंडोरा को इस दोहरी तबाही से बचा पाएगा?
कैसी है फिल्म देखने का अनुभव?
अगर सिर्फ विजुअल एक्सपीरियंस की बात करें, तो ‘अवतार 3’ किसी सपने जैसी है. हर फ्रेम इतना खूबसूरत है कि आंखें हटाने का मन नहीं करता. आग की लपटें, उड़ते अंगारे, ज्वालामुखी और नई दुनिया—सब कुछ बेहद भव्य है. लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, महसूस होता है कि कहानी बार-बार वही पुराना रास्ता पकड़ रही है. इंसान बनाम नावी, पैंडोरा को बचाने की लड़ाई और परिवार की रक्षा—सब कुछ पहले देखा हुआ लगता है.
निर्देशन और लेखन
जेम्स कैमरून तकनीक के मामले में आज भी बेजोड़ हैं. VFX और CGI का स्तर इतना ऊंचा है कि फिल्म को IMAX या 3D में देखना एक अलग ही अनुभव देता है. खासतौर पर क्लाइमैक्स की जंग और रेस्क्यू सीक्वेंस सांसें रोक देने वाले हैं. लेकिन कहानी और स्क्रीनप्ले इस बार कमजोर नजर आते हैं. 197 मिनट का लंबा रनटाइम कई जगह खटकता है. फिल्म को अगर थोड़ा छोटा और टाइट किया जाता, तो असर कहीं ज्यादा बेहतर होता. कई सीन ऐसे लगते हैं, जिन्हें हटाया जा सकता था.
एक्टिंग
एक्टिंग के मामले में सभी कलाकारों ने अच्छा काम किया है. सैम वर्थिंगटन जेक सुली के रोल में फिर से जमे हुए हैं. जोई सल्डाना ने नेयतीरी के रूप में एक्शन और इमोशन दोनों में जान डाल दी है. केट विंस्लेट भले ही कम नजर आती हैं, लेकिन अपनी मौजूदगी दर्ज कराती हैं. नई विलेन वरंग के रूप में ऊना चैपलिन दमदार और डरावनी लगी हैं. बच्चे कलाकारों लोआक, किरी और स्पाइडर ने भी कहानी को भावनात्मक सहारा दिया है.
देखें या नहीं?
अगर आप अवतार यूनिवर्स के फैन हैं और बड़े पर्दे पर शानदार विजुअल्स देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म जरूर देखें. IMAX और 3D में यह एक जबरदस्त अनुभव है. लेकिन अगर आप नई, गहरी और चौंकाने वाली कहानी की उम्मीद कर रहे हैं, तो ‘अवतार 3’ आपको थोड़ा निराश कर सकती है. ‘अवतार 3: फायर एंड ऐश’ एक बेहद खूबसूरत फिल्म है, लेकिन इसकी कहानी में नयापन नहीं है. ये आंखों के लिए जश्न है, लेकिन दिल को छूने में थोड़ी कमजोर पड़ती है. इसे आप देख सकते हैं, लेकिन शायद पूरी तरह महसूस न कर पाएं.