रेलवे टिकट बुकिंग में क्रांति, अब हर मिनट 1.5 लाख टिकट
रेल मंत्रालय ने नई आरक्षण प्रणाली की घोषणा की है, जिससे टिकट बुकिंग क्षमता 5 गुना बढ़ेगी। तत्काल टिकट के लिए आधार अनिवार्य किया जाएगा।;
रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि भारत का यात्री आरक्षण प्रणाली (Passenger Reservation System - PRS) अब पहले से कहीं अधिक स्मार्ट, तेज और यूज़र-फ्रेंडली बनने जा रहा है। नए सिस्टम के तहत हर मिनट 1.5 लाख टिकट बुकिंग की क्षमता होगी, जो वर्तमान में 32,000 प्रति मिनट है यानी लगभग पांच गुना बढ़ोतरी। यह उन्नत प्रणाली 2025 के अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
कई भाषाओं में और दिव्यांग-अनुकूल PRS
रेल मंत्रालय के मुताबिक, नई आरक्षण प्रणाली बहुभाषी होगी और यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनेगी। यात्री अब सीट का विकल्प चुन सकेंगे, किराया कैलेंडर देख सकेंगे, और साथ ही दिव्यांगजन, छात्रों व मरीजों के लिए एकीकृत सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
लंबी दूरी की ट्रेनों की चार्टिंग अब 8 घंटे पहले
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब लंबी दूरी की ट्रेनों के आरक्षण चार्ट यात्रा से 8 घंटे पहले तैयार किए जाएंगे। पहले यह समय सीमा 4 घंटे थी। इससे दूर-दराज़ या उपनगरीय क्षेत्रों से यात्रा करने वाले यात्रियों को बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले से उन यात्रियों को मदद मिलेगी जो दूरदराज़ इलाकों से लंबी दूरी की ट्रेनों को पकड़ने आते हैं। अगर वेटिंग कन्फर्म न हो, तो वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अब और समय मिलेगा।"
अब यही यूज़र्स कर पाएंगे तत्काल टिकट बुक
1 जुलाई 2025 से IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर तत्काल टिकट केवल प्रमाणीकृत (authenticated) यूज़र्स ही बुक कर सकेंगे। इसके लिए OTP आधारित प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा, जो आधार या DigiLocker में मौजूद किसी भी सरकारी ID के माध्यम से किया जा सकेगा।
पूछताछ क्षमता में 10 गुना बढ़ोतरी
नई PRS प्रणाली के तहत, रेल टिकट की पूछताछ क्षमता मौजूदा 4 लाख से बढ़कर 40 लाख प्रति मिनट हो जाएगी। रेल मंत्री ने इस समीक्षा बैठक में कहा कि यह सिस्टम स्मार्ट, पारदर्शी, सुलभ और प्रभावी होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि योजना का फोकस यात्री सुविधा पर होना चाहिए, जिससे हर यात्री को यात्रा में सहज और सुगम अनुभव मिल सके। रेलवे की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम है। तेज़ टिकटिंग, स्मार्ट ऑथेंटिकेशन और यात्रियों के हित में लिए गए निर्णयों से भारतीय रेलवे पहले से कहीं अधिक आधुनिक और भरोसेमंद बनने की ओर बढ़ रहा है।