हिजबुल्ला के खिलाफ इजरायल का मास्टर स्ट्रोक, आर्मी चीफ ने चक्रव्यूह का किया जिक्र

आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि लेबनान में हिजबुल्ला के खिलाफ लड़ाई में इजरायल का मास्टर स्ट्रोक क्या था।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-10-01 08:51 GMT

Israel Vs Hamas Hezbollah:  पिछले साल सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने हजारों की संख्या में इजरायल पर रॉकेट दागे तो हर कोई अवाक था। हमास के लड़ाके उसकी सीमा में दाखिल हो गए थे और 250 के करीब लोगों को बंधक भी बना लिया था। ऐसे में तस्वीर उसी वक्त साफ हो गई कि मामला यहां रुकने वाला नहीं है। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया कि हमास के खात्मे तक यह जंग जारी रहेगी। जाहिर सी बात है मुश्किल के इस दौर में इजरायल के दुसरे दुश्मनों ने भी सिर उठा लिया। लेबनान में हिजबुल्ला, यमन में हुती और ईरान ने खुलेआम हमास के समर्थन का ऐलान किया। उसके बाद यह जंग और भीषण हो चुकी है। इजरायल एक तरफ हमास तो दूसरी तरफ हिजबुल्ला के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। लोगों के जेहन में सवाल है कि हिजबुल्ला को इजरायल ने कैसे पस्त कर दिया। इस सवाल का जवाब भारत के आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने दिया गै। 

शेल कंपनी बनाना ही था मास्टर स्ट्रोक
इजराइल द्वारा पेजर को बम में बदलने और इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए भारत क्या कर रहा है, इस पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी कहते हैं, "...जिस पेजर की आप बात कर रहे हैं, वह ताइवान की कंपनी है जिसे हंगरी की कंपनी को सप्लाई किया जा रहा है। हंगरी की कंपनी ने इसके बाद उसे उन्हें दे दिया। जो शेल कंपनी बनाई गई है, वह इजराइलियों का मास्टरस्ट्रोक है। और इसके लिए सालों-साल की तैयारी की जरूरत होती है। इसका मतलब है कि वे इसके लिए तैयार थे। युद्ध उस तरह से शुरू नहीं होता जिस तरह से आप लड़ना शुरू करते हैं। यह उसी दिन शुरू होता है जिस दिन आप योजना बनाना शुरू करते हैं। और यही सबसे महत्वपूर्ण है...हमारे पक्ष में, आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट, अवरोधन ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में हमें बहुत सावधान रहना होगा। हमें विभिन्न स्तरों पर निरीक्षण करना होगा, चाहे वह तकनीकी स्तर पर हो या मैन्युअल स्तर पर, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे मामले में ऐसी चीजें दोबारा न हों।"

आर्मी चीफ ने क्यों किया चक्रव्यूह का जिक्र
चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के किताब का उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि अगर चक्रव्यूह में अभिमन्यू के साथ अर्जुन भी गए होते तो तस्वीर कुछ अलग होती। ना सिर्फ पांडवों को जीत मिलती बल्कि अभिमन्यू भी मारे नहीं गए होते। अगर आप इजरायल को देखें तो वो चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। उसे लगा कि सबसे पहले हमास को खत्म करना चाहिए और वो उस अभियान में पूरी तरह से जुट गया। अगर आप देखें तो जो लोग उसके सामने हैं वो सीधे नहीं बल्कि परोक्ष तौर पर हमला कर रहे हैं। लिहाजा इजरायल को यह समझ में आ चुका है कि इस लड़ाई को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसे हमास को खत्म करना होगा।

इसके साथ ही उन्होंने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि हमें लगातार सजग होकर काम करना होगा। चीन के साथ हमारा रिश्ता सहयोग, व्यापार, तनाव सबसे मिलकर बना हुआ है। हम अपने आसपड़ोस के किसी मुल्क हल्के में नहीं लेते। बदलते समय के साथ अब लड़ाई के तरीकों में बदलाव आ रहा है और उसे लेकर हमें सचेत रहना ही होगा।

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