केंद्र ने अक्टूबर का टैक्स किया रिलीज, BJP शासित राज्यों को अधिक, बाकी को कम क्यों?

केंद्र सरकार ने अक्टूबर में राज्यों के लिए 1,78,173 करोड़ रुपये का टैक्स रिलीज किया है. इसमें सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को मिला है.

Update: 2024-10-12 01:46 GMT

केंद्र सरकार ने अक्टूबर में राज्यों के लिए 1,78,173 करोड़ रुपये का टैक्स रिलीज किया है. इसमें सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को मिला है. हालांकि, इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है कि इस सूची में टॉप 10 में से 7 राज्य भाजपा या उसके गठबंधन सहयोगियों द्वारा शासित हैं. आगामी त्यौहारी सीजन के कारण अक्टूबर माह के टैक्स रिलीज में नियमित किश्तों के अलावा 89,086.50 करोड़ रुपये का एडवांस्ड किश्त भी शामिल है.

बता दें कि राज्यों को सामान्यतः 89,086.50 करोड़ रुपये मासिक अंशदान मिलता है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को एक बयान में कहा कि आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए और राज्यों को पूंजीगत खर्च में तेजी लाने और उनके विकास/कल्याण संबंधी व्यय को वित्तपोषित करने में सक्षम बनाने के लिए अग्रिम किस्त जारी की गई है. वर्तमान में, केंद्र द्वारा एकत्रित करों का 41 प्रतिशत नियमित किश्तों में राज्यों को हस्तांतरित किया जाता है.

गैर-भाजपा राज्यों के आरोप

कर्नाटक और तमिलनाडु सहित कई विपक्षी शासित राज्यों द्वारा कर हस्तांतरण में अधिक हिस्सा न मिलने के आरोपों के बाद, नवीनतम राज्यवार वितरण ने कांग्रेस को भी भाजपा पर हमला करने का मौका दिया है. वित्त मंत्रालय के कर हस्तांतरण वितरण के अनुसार, उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार से 31,962 करोड़ रुपये की अग्रिम किस्त प्राप्त हुई, जो सभी 28 राज्यों में सबसे बड़ा हिस्सा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है. आदित्यनाथ ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि कर हस्तांतरण के तहत यूपी को 31,962 करोड़ रुपये समय पर जारी करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हार्दिक आभार. यह अग्रिम किस्त हमारे त्यौहारी सीजन की तैयारियों को बढ़ावा देगी और पूरे राज्य में विकास और कल्याणकारी पहलों को गति देगी. हम सब मिलकर एक मजबूत और अधिक समृद्ध उत्तर प्रदेश का निर्माण कर रहे हैं.

वहीं, बिहार में भाजपा की सहयोगी जेडी(यू) है. ऐसे में यह राज्य 17,921 करोड़ रुपये के साथ दूसरा बड़ा लाभार्थी रहा. इसके बाद भाजपा शासित मध्य प्रदेश (13,987 करोड़ रुपये), पश्चिम बंगाल (टीएमसी- 13,404 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र (भाजपा सहित महायुति गठबंधन- 11,255 करोड़ रुपये), राजस्थान (भाजपा- 10,737 करोड़ रुपये), ओडिशा (भाजपा- 8,068 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (डीएमके- 7,268 करोड़ रुपये), आंध्र प्रदेश (भाजपा की सहयोगी टीडीपी- 7,211 करोड़ रुपये) और कर्नाटक (कांग्रेस- 6,498 करोड़ रुपये) शीर्ष 10 में शामिल हैं. शीर्ष 10 में केवल तीन विपक्षी शासित राज्य (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक) शामिल हैं.

राज्यों में सबसे कम कर हस्तांतरण गोवा को मिला, जहां 688 करोड़ रुपये मिले हैं. पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय (1,367 रुपये), मणिपुर (1,276 रुपये), त्रिपुरा (1,261 रुपये), नागालैंड (1,014 रुपये), मिजोरम (891 रुपये) और सिक्किम (691 रुपये) उन सात राज्यों में शामिल हैं, जिन्हें सबसे कम कर हस्तांतरण मिला है.

कांग्रेस ने किया सवाल

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद बीके हरिप्रसाद ने कर हस्तांतरण में कर्नाटक और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ अन्याय को लेकर वित्त मंत्रालय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को प्राप्त 31,962 करोड़ रुपये, समस्त दक्षिण भारतीय राज्यों को प्राप्त 28,152 करोड़ रुपये (तमिलनाडु- 7,268 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश- 7,211 करोड़ रुपये, कर्नाटक- 6,498 करोड़ रुपये, तेलंगाना- 3,745 करोड़ रुपये, केरल- 3,430 करोड़ रुपये) से अधिक है. हरिप्रसाद ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि कर्नाटक और दक्षिण भारत के साथ अन्याय का एक और उदाहरण @FinMinIndia कर हस्तांतरण से यूपी को 31962 करोड़ रुपये मिलते हैं. जबकि पूरे दक्षिण भारत को 28,152 करोड़ रुपये मिलते हैं, जो अकेले यूपी से 3810 करोड़ रुपये कम है. क्या यह दक्षिण द्वारा उत्पन्न करों और राजस्व के लिए उचित है, @BJP4Karnataka के नेता इस पर चुप क्यों हैं.

कर्नाटक का दावा

पिछले महीने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार द्वारा करों के “अनुचित हस्तांतरण” को लेकर आठ मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था. सिद्धारमैया ने अपने एक्स हैंडल पर "OurTaxOurRight" हैशटैग के साथ लिखा और इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उन्हें बेंगलुरु में आयोजित एक सम्मेलन में आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक और अन्य जैसे उच्च प्रति व्यक्ति जीएसडीपी वाले राज्यों को उनके आर्थिक प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा रहा है, उन्हें अनुपातहीन रूप से कम कर आवंटन प्राप्त हो रहा है. यह अन्यायपूर्ण दृष्टिकोण सहकारी संघवाद की भावना को कमजोर करता है और प्रगतिशील राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता को खतरे में डालता है.

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने फरवरी में मांग की थी कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य को “निष्पक्ष कर हस्तांतरण” सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में तमिलनाडु ने केंद्र को करों के रूप में 6 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है. लेकिन राज्य को केवल 1.58 लाख करोड़ रुपये का कर हस्तांतरण किया गया. वहीं, उत्तर प्रदेश को लगभग 7 लाख करोड़ रुपये दिए गए. जबकि उसने केंद्र सरकार को 3.41 लाख करोड़ रुपये का कर भेजा है.

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