संभल जा रहे थे राहुल-प्रियंका, काफिले को बीच में पुलिस ने रोका, हाईवे पर लगा भारी जाम

लोकसभा नेता राहुल गांधी और उनकी बहन और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस नेताओं को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजीपुर सीमा पर रोक दिया गया.

Update: 2024-12-04 07:43 GMT

Delhi-Meerut Expressway traffic jam: लोकसभा नेता राहुल गांधी और उनकी बहन और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस नेताओं को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजीपुर सीमा पर रोक दिया गया. सभी नेता बुधवार को हिंसा प्रभावित संभल जा रहे थे. दिल्ली की सीमा पर भारी पुलिस बैरिकेडिंग के बावजूद गांधी भाई-बहन पुलिस गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश के संभल के लिए रवाना हुए थे. इस वजह से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भारी ट्रैफिक जाम हो लग गया.

बता दें कि सुबह से ही गाजियाबाद में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल और प्रियंका गांधी के इंतजार में एकत्र होने लगे थे. जिस वजह से सुबह ऑफिस के लिए निकले लोग जाम में फंस गए. इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. वहीं, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेताओं को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे तो उनको वापस दिल्ली भेज दिया गया.

बतौर विपक्ष मेरे अधिकारों के खिलाफ: राहुल

गाजीपुर बॉर्डर पर रुके राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस मना कर रही है, वे हमें अनुमति नहीं दे रहे हैं. विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है. लेकिन वे मुझे रोक रहे हैं. राहुल ने कहा कि वे अकेले या पुलिस के साथ जाने को तैयार हैं. लेकिन पुलिस ने यह भी स्वीकार नहीं किया. वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आ गए तो वे हमें जाने देंगे. यह विपक्ष के नेता के अधिकारों और संविधान के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ. हम लोगों से मिलना चाहते हैं. मुझे मेरा संवैधानिक अधिकार नहीं दिया जा रहा है. यह संविधान को खत्म करने वाला भारत है. यह आंबेडकर के संविधान को खत्म करने वाला भारत है. हम लड़ते रहेंगे.

राहुल गांधी के पास संवैधानिक अधिकार

वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि संभल में जो कुछ भी हुआ, वह गलत है. राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, उनके पास संवैधानिक अधिकार हैं और उन्हें इस तरह नहीं रोका जा सकता. उन्हें संवैधानिक अधिकार है कि उन्हें पीड़ितों से मिलने जाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि वह यूपी पुलिस के साथ अकेले जाएंगे. लेकिन वे ऐसा करने को भी तैयार नहीं हैं. पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है. शायद उत्तर प्रदेश के हालात ऐसे हैं कि वे इतना भी नहीं संभाल सकते. वे इतने अहंकार से क्यों कहते हैं कि उन्होंने कानून-व्यवस्था संभाल ली है?

पुलिस तैयार

उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान राहुल और उनके समर्थकों की योजनाबद्ध यात्रा को विफल करने के लिए वाहनों की जांच में बिजी दिखे. सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि हमने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. अधिकारियों ने बताया कि संभल में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण राहुल को जिले में जाते समय गाजियाबाद में यूपी गेट पर रोक दिया जाएगा

राहुल को प्रवेश नहीं

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या आशंकाजनक खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत प्रतिबंध, जो रविवार को समाप्त होने वाले थे, अब संभल में 31 दिसंबर तक बढ़ा दिए गए हैं. संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने मंगलवार को गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के पुलिस आयुक्तों और अमरोहा और बुलंदशहर जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर उनसे राहुल गांधी को अपने जिलों की सीमाओं पर रोकने का आग्रह किया. गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि हम राहुल गांधी को संभल जाने की अनुमति नहीं देंगे.

मस्जिद विवाद

संभल में 19 नवंबर से ही तनाव जारी है. अदालत के आदेश पर एक मुगलकालीन मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था. क्योंकि दावा किया गया था कि उस स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था. 24 नवंबर को दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी, जब प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के पास एकत्र हुए और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए. हिंसा में चार लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.

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