दिवाली-छठ पूजा से पहले रेलवे स्टेशनों पर उमड़ी भारी भीड़, स्पेशल ट्रेनें भी पड़ रहे हैं कम

इन दिनों नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों का बुरा हाल है. भीड़ का आलम यह है कि स्टेशनों की जगह भी कम पड़ गई है.

Update: 2024-10-28 10:12 GMT

railway stations crowd: फेस्टिव सीजन शूरू हो चुका है. बाजारों में भारी भीड़ जमा हो रही है. यही हाल बस और रेलवे स्टेशनों का भी है. इसकी वजह दिवाली और छठ जैसे त्योहार हैं. क्योंकि इन त्योहारों पर हर कोई घर जाना चाहता है और अपने परिवार के साथ पर्व मनाना चाहता है. यही वजह है कि इन दिनों स्टेशनों पर लोगों को तांता लगा हुआ है. कई लोग टिकट कंफर्म न होने के चलते रेलवे स्टेशनों पर ही रात बिताने को मजबूर हैं. हालांकि, सरकार और रेलवे ने भी त्योहारी सीजन को देखते हुए देखते हुए पहले से ही तैयारी कर ली है और कई रूट पर स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही है. इसके बाद भी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.

इन दिनों रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. गुजरात के स्टेशनों पर भी भारी भीड़ देखी गई. कपड़ा और हीरा उद्योग में लगे सैकड़ों कामगार त्योहार के लिए अपने घर बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए स्टेशनों पर पहुंच रहे हैं. यही हाल मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिला. यहां तो भगदड़ मचने से 10 लोग घायल भी हो गए थे.

नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों का भी बुरा हाल है. भीड़ का आलम यह है कि स्टेशनों की जगह भी कम पड़ गई है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. रेलवे ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की है. उधना से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए एक नई ट्रेनें जोड़ी गई हैं. लेकिन फिर भी लोगों की भीड़ का आलम यह है कि स्पेशल ट्रेनें भी कम पड़ रही हैं. स्टेशनों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्लेटफार्मों पर राजकीय रेलवे पुलिस को तैनात किया गया है.

बता दें कि सूरत में हीरा और कपड़ा उद्योग में लगे कई श्रमिक छठ पूजा और दिवाली के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर जाते हैं. बता दें कि रविवार सुबह मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से कम से कम दस लोग घायल हो गए.

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