केमिकल से पकाए फलों के बेचने पर FSSAI की सख्ती, राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों को रोक लगाने के निर्देश

FSSAI ने चेतावनी देते हुए कहा कि फलों के पकाने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किए जाने का मामला पाये जाने पर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.;

Update: 2025-05-20 12:38 GMT
फलों को केमिकल से पकाने पर बढ़ी सख्ती

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने (FSSAI) ने फलों को पकाने के लिए केमिकल्स के इस्तेमाल को फौरन बंद करने का आदेश दिया है.रेगुलेटर ने राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे फलों को केमिकल्स के पकाये जाने और सिंथेटिक रंग/कोटिंग के खिलाफ सख्त जांच और विशेष निगरानी अभियान चलाने को कहा है. FSSAI ने राज्यों से कहा है इन मामलों की जांच करें और मंडियो,गोदामों और बाजारों में निगरानी बढ़ायें और विशेष निगरानी अभियान चलाएं.

FSSAI ने चेतावनी देते हुए कहा कि फलों के पकाने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किए जाने का मामला पाये जाने पर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

एफएसएसएआई ने अपने निर्देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और क्षेत्रीय निदेशकों से कहा है कि वे फल मंडियों और थोक बाजारों में निगरानी बढ़ाएं, ताकि कैल्शियम कार्बाइड (‘मसाला’ के नाम से जाना जाने वाला खतरनाक रसायन) के इस्तेमाल को रोका जा सके. एफएसएसएआई के मुताबिक, "गोदामों और भंडारण केंद्रों की जांच की जाएगी, खासकर उन जगहों की जहां कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग की आशंका है." अगर किसी स्थान पर कैल्शियम कार्बाइड पाया गया या फल के पास स्टोर किया गया मिला, तो इसे अवैध पकाने का सबूत माना जाएगा और संबंधित खाद्य व्यवसाय ऑपरेटर (FBO) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर रोक और प्रतिबंध) नियम, 2011 के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है. ये केमिकल स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और इससे मुंह में छाले, पाचन संबंधी समस्याएं और कैंसर का खतरा हो सकता है. एफएसएसएआई ने बताया कि कुछ कारोबारी फलों को सीधे एथीफोन घोल में डुबोकर पकाने की खतरनाक विधि अपना रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है.

एफएसएसएआई ने सभी फलों के व्यापारी, सप्लाई चेन से जुड़े लोग और उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि बाजार में सिर्फ सुरक्षित और प्राकृतिक तरीके से पके फल ही पहुंचे. किसी भी प्रकार का उल्लंघन पाये जाने पर FSS अधिनियम, 2006 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसमें सजा का भी प्रावधान है. 

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