एसआईआर में गतिरोध के बीच सरकार ने चुनाव सुधारों पर 9-10 दिसंबर को बहस तय की

किरेन रिजिजू ने कहा कि मोदी अगले सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर बहस शुरू करेंगे; अगले मंगलवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी।

Update: 2025-12-02 15:00 GMT
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Parliament Winter Session : संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को साफ किया कि संसद की आने वाली कार्यवाही में दो बड़े मुद्दों ‘वंदे मातरम’ की 150वीं सालगिरह और चुनाव सुधार पर विस्तृत बहस होगी। लोकसभा में यह बहस क्रमशः 8 और 9 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। इन बहसों का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और हर विषय को 10 घंटे का समय दिया गया है।

यह निर्णय लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) और ऑल-पार्टी मीटिंग के बाद लिया गया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे वोटर रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर जारी गतिरोध हल होने की संभावना बनी थी, लेकिन बाद की घटनाओं ने तनाव और बढ़ा दिया।

SIR पर सरकार का रुख सख्त “यह चुनाव आयोग का मामला”

रिजिजू ने विपक्ष की SIR पर तत्काल बहस की मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह चुनाव आयोग का प्रशासनिक मामला है और सरकार का इसमें कोई दखल नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि चुनावी सुधारों पर चर्चा सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है और उस पर चर्चा के लिए वे तैयार हैं।

राज्यसभा में टकराव, चेयरमैन ने SIR बहस की मांग ठुकराई

दिन में पहले राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ। विपक्ष ने SIR को लेकर तात्कालिक चर्चा की मांग की, लेकिन चेयरमैन सीपी राधाकृष्णन ने इस आग्रह को खारिज कर दिया। विपक्ष का कहना था कि वोटर सूची के संशोधन का व्यापक असर होता है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

चेयर ने दो टूक कहा कि चर्चा का समय सरकार ही बताएगी और सदन लिस्टेड बिजनेस के अनुसार ही चलेगा। यह सुनते ही विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध जताया और नियमों का हवाला देकर कहा कि SIR से जुड़े मामलों पर देरी पारदर्शिता पर प्रश्न उठाती है।

सरकार का आग्रह पहले तय एजेंडा, फिर बाकी मुद्दे

सरकार की ओर से बार-बार कहा गया कि सदन की कार्यवाही बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के शेड्यूल के अनुसार ही चलेगी। मंत्रियों ने विपक्ष से हंगामा न करने की अपील करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम’ की 150वीं सालगिरह पर बहस पहले से सूचीबद्ध है, इसलिए उसी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इस तर्क से असंतुष्ट विपक्षी दलों कांग्रेस, TMC, DMK, AAP, SP और CPI(M) ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

विपक्ष बोला तीखा हमला “SIR से लोग मर रहे हैं”

TMC नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठाते हुए कहा कि 14 से अधिक विपक्षी दल SIR की गंभीरता को देखते हुए तत्काल बहस चाहते हैं क्योंकि इसके कारण जन-जीवन प्रभावित हो रहा है।

वहीं, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रूल 267 का हवाला देकर कहा कि इस मुद्दे पर सभी अन्य कार्यों को किनारे रखकर बहस होनी चाहिए। उन्होंने तंज किया, “वंदे मातरम हमारी विरासत है, उनकी नहीं। लेकिन SIR की तात्कालिकता भी समझनी होगी।”

चेयरमैन ने जवाब दिया कि “वंदे मातरम सबका है”, और SIR पर अभी चर्चा से इनकार कर दिया।


संसद के शीतकालीन सत्र में ‘वंदे मातरम’ की 150वीं सालगिरह और चुनाव सुधारों पर दो बड़ी बहस होने जा रही हैं। लेकिन SIR को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। जहां सरकार पूर्व निर्धारित एजेंडे पर आगे बढ़ना चाहती है, वहीं विपक्ष SIR को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग कर रहा है। नतीजतन, राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट सत्र के पहले ही सप्ताह में राजनीतिक तापमान बढ़ा देता है। 

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