गृह मंत्री अमित शाह का मलयालम में जवाब, राजनीतिक हलकों में हलचल तेज
अमित शाह द्वारा मलयालम में जवाब देना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष अक्सर BJP पर यह आरोप लगाता रहा है कि वह गैर-हिंदीभाषी राज्यों में हिंदी थोपने की कोशिश करती है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा CPI(M) के सांसद जॉन ब्रिटास के पत्र का मलयालम में जवाब देने से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। यह पहला मौका है जब किसी केंद्रीय गृह मंत्री ने आधिकारिक तौर पर मलयालम भाषा में उत्तर दिया है।
OCI नियमों पर सांसद का पत्र
जॉन ब्रिटास ने हाल ही में गृह मंत्रालय की उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी, जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति का ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) पंजीकरण रद्द किया जा सकता है, यदि उसके खिलाफ ऐसे मामले में चार्जशीट दाखिल हो जाए, जिसकी सजा सात वर्ष या उससे अधिक हो सकती है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमित शाह ने मलयालम में भेजे गए जवाब में पत्र प्राप्त होने की पुष्टि तो की, लेकिन किसी प्रकार का विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं दिया।
ब्रिटास ने क्या लिखा था?
यह पूरा मामला उस समय सामने आया, जब जॉन ब्रिटास ने 22 अक्टूबर को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अधिसूचना वापस लेने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह नियम प्राकृतिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
ब्रिटास ने पत्र में लिखा था कि बिना किसी न्यायिक निर्णय के OCI रद्द करना, प्रक्रिया के सिद्धांतों और अनुपातिकता के नियमों के खिलाफ है। इससे OCI धारकों को मनमाने या पक्षपातपूर्ण फैसलों का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने आगे लिखा कि इस अधिसूचना को तत्काल समीक्षा कर रद्द किया जाना चाहिए, ताकि OCI धारकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई केवल कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया के बाद ही की जा सके।
राजनीतिक महत्व
अमित शाह द्वारा मलयालम में जवाब देना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष अक्सर BJP पर यह आरोप लगाता रहा है कि वह गैर-हिंदीभाषी राज्यों में हिंदी थोपने की कोशिश करती है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब केरल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा राज्य में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में है। पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में केरल में पहली बार एक सीट जीती थी, जिससे उसके उत्साह में बढ़ोतरी हुई है।