पाक PM की पेशकश पर भारत की दो टूक, 'आतंकवाद खत्म करो, तभी होगी बात'
Indus Water Treaty: भारत नेकहा कि जब तक पाकिस्तान पार सीमा आतंकवाद को पूर्ण रूप से छोड़ने की स्पष्ट और स्थायी घोषणा नहीं करता, तब तक यह संधि प्रभाव में नहीं लाई जाएगी.;
India Pakistan Relations: भारत ने गुरुवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं होगी, जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय कदम नहीं उठाता. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत की नीति साफ है— "आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते."
सिंधु जल संधि भी ठप
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था. गुरुवार को भारत ने दोहराया कि जब तक पाकिस्तान पार सीमा आतंकवाद को पूर्ण रूप से छोड़ने की स्पष्ट और स्थायी घोषणा नहीं करता, तब तक यह संधि प्रभाव में नहीं लाई जाएगी. जायसवाल ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है — आतंक और वार्ता साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.
पाकिस्तान को सौंपी गई आतंकियों की सूची
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत ने पाकिस्तान को वर्षों पहले कुख्यात आतंकवादियों की सूची सौंपी थी, जिन्हें पाकिस्तान अब तक भारत को नहीं सौंप पाया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर कोई बातचीत तभी होगी, जब पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली कर भारत को सौंपे.
पाक पीएम का वार्ताकारी रुख
भारत के इस कड़े रुख से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा था कि उनका देश भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और व्यापार बढ़ाने के लिए बातचीत को तैयार है. उन्होंने कहा कि अगर भारत ईमानदारी से सहयोग चाहता है तो पाकिस्तान आतंकवाद को हराने के लिए प्रतिबद्ध है और व्यापार समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत करने को तैयार है. साथ ही शरीफ ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत पानी की आपूर्ति रोकने की धमकी दे रहा है, जो न तो पहले संभव था, न अब है और न भविष्य में होगा. हम इसकी तैयारी कर रहे हैं कि भारत ऐसा कभी न कर सके.
ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी (ज्यादातर पर्यटक) के बाद भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर सटीक जवाबी हमले (Precision Strikes) किए. इस दौरान "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया. इसके बाद पाकिस्तान द्वारा की गई सैन्य जवाबी कार्रवाई को भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया. पाकिस्तान के कई एयरबेसों को निशाना बनाया गया और अंततः दोनों देशों के सेना संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच संपर्क के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बनी.
क्या है सिंधु जल संधि?
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई इस संधि के तहत भारत को रावी, सतलुज और ब्यास नदियों का नियंत्रण मिला (33 MAF). पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब की धारा दी गई (135 MAF) — कुछ सीमित उपयोग भारत को भी स्वीकृत थे. भारत ने पश्चिमी नदियों पर संधि के दायरे में रहते हुए बड़े जलविद्युत प्रोजेक्ट्स जैसे भाखड़ा, पोंग, पंडोह और थीन बांध तथा ब्यास-सतलुज और माधोपुर-ब्यास लिंक का निर्माण किया है, जिससे पूर्वी नदियों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित होता है.