पहले अपने यहां अल्पसंख्यकों की चिंता करें, बांग्लादेश को भारत का जवाब

मुर्शिदाबाद हिंसा पर बांग्लादेश की चिंता को भारत ने खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि अच्छा होगा कि बांग्लादेश अपने यहां अस्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में ध्यान दे।;

Update: 2025-04-18 07:38 GMT

शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर बांग्लादेश की आलोचना को "अनावश्यक टिप्पणी" और "नैतिकता का दिखावा (virtue signalling)" करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी।MEA के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह बयान भारत और बांग्लादेश की स्थिति की तुलना करने की एक असंवेदनशील और भ्रामक कोशिश है।

“हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को खारिज करते हैं। यह एक क्लिष्ट और कपटपूर्ण प्रयास है, भारत द्वारा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर जताई गई चिंता को बदले की भावना से जोड़ने का,” जैसवाल ने कहा।उन्होंने आगे लिखा,“अनावश्यक टिप्पणियां करने और नैतिकता का दिखावा करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने देश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में मुर्शिदाबाद में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया था।बांग्लादेशी अखबार 'डेली ऑब्जर्वर' के अनुसार, गुरुवार को जारी एक बयान में प्रधान सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने मुस्लिमों पर हुए हमलों की निंदा करते हुए "भारत सरकार और पश्चिम बंगाल प्रशासन से अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।"

मामला क्या है?

विवाद तब और गहरा गया जब भारत के गृह मंत्रालय (MHA) की प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले कि मुर्शिदाबाद की हिंसा में कुछ कथित बांग्लादेशी असामाजिक तत्व शामिल हो सकते हैं।इसी बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंची। यह टीम इस महीने की शुरुआत में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर भड़के विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित मालदा और मुर्शिदाबाद का दौरा करेगी।

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