‘भारत का पानी पहले बाहर चला जाता था, अब देश के हित में बहेगा’: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सिंधु जल संधि के हालिया निलंबन पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि अब भारत अपनी नदियों के पानी का उपयोग अपने हितों के लिए करेगा।;
पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा बयान आया है। मंगलवार ( 6 मई ) शाम को दिए गए संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत का पानी पहले बाहर चला जाता था; अब यह देश के हित में बहेगा और भारत में ही इस्तेमाल किया जाएगा।”
उन्होंने यह बात पाकिस्तान का नाम लिए बिना एक न्यूज़ नेटवर्क द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कही। मोदी ने दोहराया, “भारत का पानी, भारत के हक में बहेगा।”
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने चेनाब नदी पर बगलीहार बांध से पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को रोकने और झेलम नदी पर किशनगंगा परियोजना से बहाव को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें दर्जनों पर्यटक मारे गए थे, के बाद भारत ने छह दशक पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इस संधि को वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में 1960 में किया गया था, जो सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के जल बंटवारे को नियंत्रित करती है।
सरकारी अधिकारियों ने पहले भी संकेत दिए थे कि भारत अब अपनी नदियों के जल संसाधनों का उपयोग देशवासियों के हित में करने के उपाय तलाश रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि बीते 10 वर्षों में सरकार ने कई ऐसे कड़े फैसले लिए, जो देश के हित में थे लेकिन पूर्ववर्ती सरकारें राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण उन्हें लागू नहीं कर पाईं।
उन्होंने कहा, “बड़े फैसले लेने के लिए, लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि हम देश के हितों को सर्वोपरि रखें। लेकिन दुर्भाग्यवश दशकों तक सोच इसका उलटा था, और इसका नुकसान देश को भुगतना पड़ा। पहले तो हर बड़ा कदम उठाने से पहले सोचा जाता था कि दुनिया क्या कहेगी। वोट बैंक की राजनीति जैसे कारणों से कई बड़े सुधार और फैसले टाल दिए जाते थे। लेकिन इस तरह कोई देश आगे नहीं बढ़ सकता।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तभी आगे बढ़ता है जब फैसले केवल एक कसौटी पर लिए जाएं – ‘राष्ट्र पहले’।
उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में भारत ने ‘नेशन फर्स्ट’ की नीति अपनाई है और आज हम उसके परिणाम देख रहे हैं। बीते 10-11 सालों में सरकार ने एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए, जिन्हें सालों से टाला गया था।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि “लोकतंत्र डिलीवर कर सकता है” और पिछले एक दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया, जिससे पूरी दुनिया को यह संदेश गया कि लोकतंत्र प्रभावी हो सकता है।