सुरक्षा चिंताओं के बीच जम्मू कश्मीर के 48 पर्यटन स्थल फिलहाल बंद
जो पर्यटक स्थल बंद किए गए हैं, वे कश्मीर के दूरदराज़ इलाकों में हैं और इनमें कुछ नए स्थल भी शामिल हैं जिन्हें पिछले 10 वर्षों में पर्यटकों के लिए खोला गया था।;
पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने घाटी में 87 में से 48 पर्यटक स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार (29 अप्रैल) को बताया कि खुफिया इनपुट्स में और हमलों की आशंका जताई गई है, जिसके चलते इन स्थलों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
सुरक्षा समीक्षा जारी, और आने वाले दिनों में और स्थानों को सूची में जोड़ा जा सकता है। यह निर्णय ऐसे समय आया है जब सरकार पर विपक्ष ने बैसारन घासभूमि में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित न कर पाने के आरोप लगाए हैं।
विपक्ष ने सरकार पर केवल प्रचार को प्राथमिकता देने और असली सुरक्षा तैयारियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है, खासकर तब जब कश्मीर को एक सुरक्षित और सभी मौसमों के अनुकूल पर्यटन स्थल के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत किया जा रहा था।
दूरदराज के स्थानों में सुरक्षा देना असंभव
अधिकारियों ने बताया कि बंद किए गए स्थान मुख्य रूप से कश्मीर के दूरदराज क्षेत्रों में स्थित हैं, जिनमें पिछले 10 वर्षों में खोले गए कई नए पर्यटन स्थल भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन अलग-थलग स्थानों पर पूर्णकालिक सुरक्षा देना फिलहाल व्यावहारिक नहीं है। सूत्रों के अनुसार, "जब तक इन क्षेत्रों को सुरक्षित नहीं किया जाता, पर्यटक गतिविधियों की अनुमति देना उचित नहीं होगा, खासकर पहलगाम हमले के बाद।"
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंद किए गए स्थान कई जिलों में फैले हुए हैं और यह कदम वर्तमान सुरक्षा स्थिति के आधार पर उठाया गया है।
हालांकि, गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे बाकी खुले स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि पर्यटक निडर होकर घूम सकें।
बंद किए गए प्रमुख स्थल
जिन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को "पर्याप्त सुरक्षा" नहीं होने के कारण बंद किया गया है, उनमें शामिल हैं: गुरेज़ घाटी, डोडापथरी, वेरिनाग, बंगस घाटी, और यूसमर्ग।
गुरेज़ घाटी, जो एलओसी पर स्थित है और पिछले दशक में पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुई है, को भी बंद कर दिया गया है। डोडापथरी, जो श्रीनगर से सिर्फ 45 किलोमीटर दूर है और उभरता हुआ लोकप्रिय स्थल बन रहा था, को भी बंद किया गया है।
कुपवाड़ा का बंगस घाटी और अनंतनाग का वेरिनाग भी अब पर्यटकों के लिए बंद हैं। उरी में एलओसी पर स्थित कमान पोस्ट, जो पिकनिक मनाने वालों के बीच पसंदीदा स्थान बन गया था, को भी बंद कर दिया गया है।
शोपियां के काउसरनाग झील, जो एक ऊँचाई पर स्थित ट्रेकिंग स्थल है, को भी बंद कर दिया गया है। श्रीनगर शहर में जामिया मस्जिद में भी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस और अर्धसैनिक बल इन स्थलों के बाहर चेकपॉइंट बनाएंगे और पर्यटकों को निर्धारित क्षेत्रों से आगे नहीं जाने देंगे।
सीमा क्षेत्रों में अनुमति अनिवार्य
कुपवाड़ा प्रशासन ने एक सार्वजनिक सलाह जारी कर पर्यटकों से आग्रह किया है कि वे करनाह, केरन, माछिल और बंगस घाटी जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने से पहले अनुमति लें।
पर्यटन क्षेत्र को झटका
यह फैसला ऐसे समय आया है जब क्षेत्र में पर्यटन में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा था। पिछले साल जम्मू-कश्मीर ने 2.36 करोड़ पर्यटकों (देशी, विदेशी और तीर्थयात्री) का रिकॉर्ड आगमन दर्ज किया।
इसके अलावा पर्यटक अब कश्मीर के कम प्रसिद्ध स्थानों की ओर भी रुख कर रहे थे, विशेषकर दक्षिण कश्मीर में ट्रेकिंग के लिए देशभर से लोग आ रहे थे।
पहलगाम हमले के बाद कई पर्यटकों ने अपनी यात्रा अधूरी छोड़ दी। सरकार ने दिल्ली और श्रीनगर के बीच अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था की और कटरा से दिल्ली के लिए एक विशेष ट्रेन भी चलाई गई।
श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्री आवागमन में भारी गिरावट देखी गई, क्योंकि सुरक्षा चिंताओं के कारण पर्यटक पीछे हट गए।
पर्यटन व्यापार में चिंता
घाटी के पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारक जैसे होटल मालिक, टैक्सी चालक और टूर ऑपरेटर गहरे संकट में हैं।
कई क्षेत्रों में उन्होंने आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और पीड़ितों के प्रति एकजुटता प्रकट की, साथ ही पर्यटन पर निर्भर हजारों परिवारों के सामने आर्थिक संकट की चेतावनी दी।
पर्यटन विभाग ने अब ट्रैवल एजेंसियों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करें और उन स्थानों से बचें जहां फिलहाल प्रतिबंध लागू हैं।
अधिकारियों ने कहा कि इस निर्णय की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी और स्थिति सुधरने पर चरणबद्ध तरीके से पर्यटन स्थलों को फिर से खोला जाएगा।