अब मेरे पति की आत्मा को मिलेगी शांति, क्लीन चिट पर बोली लोको पायलट की पत्नी

17 जून को कंचनजंगा ट्रेन हादसे में मालगाड़ी के लोको पायलट को क्लीन चिट मिल गई है. सीआरएस की रिपोर्ट के बाद पायलट की विधवा ने कहा उनके पति को अब शांति मिली होगी.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-07-17 04:14 GMT

Kanchnajunga Train Latest News: कंचनजंगा एक्सप्रेस एक्सीडेंट मामले में अब सीआरएस की रिपोर्ट सामने आ चुकी है. उस रिपोर्ट में गुड्स ट्रेन के ड्राइवर को क्लीन चिट मिल गई है. सीआरएस की रिपोर्ट के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट की विधवा ने कहा कि उनके पति की आत्मा को अब शांति मिल रही होगी. सवाल यह है कि इस तरह की बात क्यों कही. दरअसल हादसे के तुरंत बाद मालगाड़ी के लोको पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया. यह कहा गया कि लोको पॉयलट ने गति सीमा का उल्लंघन किया था. 

मालगाड़ी के लोको पायलट के परिवार का कहना था कि आखिर जांच से पहले ही उन्हें जिम्मेदार क्यों कहा जा रहा है. वो अब इस दुनिया में नहीं है लिहाजा सफाई में कुछ कह भी नहीं सकते. जिस टी ए 192 के उल्लंघन की बात कही गई थी उस सबंध में सीआरएस अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि गति सीमा का जिक्र नहीं किया गया था. लिहाजा मालगाड़ी के ड्राइवर को आप जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. हादसे के बाद इस तरह की जानकारी सामने आई थी कि लोको पॉयलट तय गति सीमा से तीन गुनी स्पीड पर ट्रेन चला रहा था. जबकि सारे सिग्नल रेड थे. 

लोको पायलट को नहीं मिले थे साफ निर्देश
रिपोर्ट, हालांकि अंतिम नहीं है लेकिन मालगाड़ी के लोको पायलट अमित कुमार को लगभग दोषमुक्त कर दिया हैय जिन पर दुर्घटना के तत्काल बाद रेलवे अधिकारियों ने दोष लगाया था, तथा स्वचालित सिग्नल की विफलता के मामलों में पालन किए जाने वाले नियमों में अस्पष्टता की ओर उंगली उठाई थी, साथ ही रंगापानी स्टेशन मास्टर और कटिहार डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी आरोप लगाया था. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 17 जून को हुई दुर्घटना में लोको पायलट की भी मृत्यु हो गई थी.

क्या है सीआरएस रिपोर्ट

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस (डीएन 13174), जिसे एक मालगाड़ी (डीएन जीएफसीजे) ने पीछे से टक्कर मार दी थी. ज्यादातर ट्रेन ने अधिकतम 15 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के नियम का पालन किया और प्रत्येक खराब सिग्नल पर एक मिनट के लिए रुकी जबकि उस सेक्शन की अन्य ट्रेनेंजिसमें दुर्घटना में शामिल मालगाड़ी भी शामिल है, ने नियम का पालन नहीं किया।अस्थायी जांच रिपोर्ट में कहा गया है अब तक, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि 17.06.2024 को 08:50 बजे उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के रंगापानी-चटरहाट विद्युतीकृत डबल लाइन सेक्शन के बीच ट्रेन नंबर डीएन 13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस और डीएन जीएफसीजे कंटेनर के बीच पीछे से हुई टक्कर स्वचालित सिग्नल विफलताओं के तहत ट्रेन संचालन के प्रबंधन में कई स्तरों पर खामियों के कारण हुई।

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