जाति जनगणना पर राहुल की हुंकार, तुरंत लागू करो नहीं तो अगला पीएम करेगा

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने एक मीडिया समूह के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी ताकत देशव्यापी जाति जनगणना को नहीं रोक सकती, जिसमें कहा गया है कि 74% लोगों ने इस कदम का समर्थन किया है

Update: 2024-08-25 16:01 GMT

Cast Sensus: लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण खतरे वाले फोर्मुले के आधार पर जिस तरह से कांग्रेस में सफलता प्राप्त की, उससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि कांग्रेस इस फोर्मुले को लम्बा खींचने वाली है. इसी क्रम में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार (25 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वो जाति जनगणना की देश की मांग को तुरंत पूरा करें, अन्यथा वो अगले प्रधानमंत्री को ये काम करते देखेंगे.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने 'X' पर लिखा कि कोई भी ताकत देशव्यापी जाति जनगणना को नहीं रोक सकती है, उन्होंने एक मीडिया समूह द्वारा किए गए “देश के मूड के सर्वेक्षण” पर कांग्रेस की एक पोस्ट को टैग किया, जिसमें कहा गया था कि अगस्त में 74% लोगों ने कहा कि जाति जनगणना कराई जानी चाहिए, जबकि इस साल फरवरी में यह आंकड़ा 59% था.


कोई भी शक्ति इसे रोक नहीं सकती

राहुल गाँधी ने 'X' पर लिखा, "मोदीजी, अगर आप जाति जनगणना रोकने की सोच रहे हैं, तो आप सपना देख रहे हैं - अब कोई ताकत इसे रोक नहीं सकती! भारत का आदेश आ गया है - जल्द ही 90 प्रतिशत भारतीय जाति जनगणना का समर्थन और मांग करेंगे." कांग्रेस नेता ने कहा, "आदेश को अभी लागू करें, या आप अगले प्रधानमंत्री को ऐसा करते देखेंगे."

उनकी ये टिप्पणी राष्ट्रव्यापी “जाति जनगणना” की मांग पर जोर देने के एक दिन बाद आई है और उन्होंने कहा कि देश के 90% लोग सिस्टम से बाहर बैठे हैं और उनके हित में ये कदम उठाया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि कांग्रेस के लिए, “जाति जनगणना” नीति निर्माण का आधार और साधन है.
इससे पहले प्रयागराज में 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, "नब्बे प्रतिशत लोग सिस्टम से बाहर बैठे हैं. उनके पास कौशल है, ज्ञान है लेकिन (सिस्टम से) कोई संबंध नहीं है. इसीलिए हमने जाति जनगणना की मांग उठाई है."

नीति निर्माण का आधार
समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने से पहले उनकी संख्या का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए राहुल ने कहा था, "कांग्रेस के लिए जाति जनगणना नीति निर्धारण की नींव है. ये नीति निर्धारण का एक साधन है. हम जाति जनगणना के बिना भारत की वास्तविकता में नीतियाँ नहीं बना सकते." उन्होंने कहा था कि संविधान की तरह ही "जाति जनगणना" कांग्रेस के लिए एक नीतिगत ढांचा और मार्गदर्शक है.
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे हमारा संविधान एक तरह से मार्गदर्शक है और इस पर हर दिन हमला हो रहा है, जाति जनगणना, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, संस्थागत सर्वेक्षण हमारा दूसरा मार्गदर्शक होगा.’’
उन्होंने कहा, "हमें डेटा चाहिए. कितने दलित, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), आदिवासी, महिलाएं, अल्पसंख्यक, सामान्य जाति के लोग हैं. हम जाति जनगणना की इस मांग के ज़रिए संविधान की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं."

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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