विवाद बढ़ा तो होश आया, अब मणिशंकर अय्यर ने मांगी माफी, क्या है मामला
मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं, यह बात अलग है कि वो अपने बयानों से पार्टी को मुश्किल मे डालते रहते हैं, ताजा मामला 1962 में चीन के कथित हमले से है.
Mani Shankar Aiyar News: कांग्रेस के कुछ नेताओं के बारे में कहा जाता है कि उनके बयान पार्टी को फायदा कम नुकसान अधिक पहुंचाते हैं. मणिशंकर अय्यर उनमें से एक हैं. मणिशंकर अय्यर का विवादित बयानों से पुराना नाता है. आप को याद होगा कि उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान से दोस्ताना संबंध बनाए रखना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है.अपनी बात के समर्थन में तर्क दिया था कि मान लो वहां का कोई सिरफिरा लाहौर में एटम बम गिरा दे तो उसका असर 8 सेकेंड में अमृतसर में होगा.अब इसके बाद 28 मई को एक कार्यक्रम में कहा कि 1962 में चीन ने कथित तौर पर भारत पर हमला किया था. इस मामले में बीजेपी ने जमकर निशाना साधा. उसके बाद बिना शर्त अपने कथित चीनी हमले पर माफी मांग ली.
1962 चीनी हमले को बताया था 'कथित'
फॉरेन करेस्पांडेंट क्लब में नेहरू फर्स्ट रिक्रूट्स नाम की किताब का विमोचन था. उससे जुड़े एक वीडियो में अय्यर यह कहते हुए नजर आए कि 1962 में चीन ने भारत पर कथित तौर पर अटैक किया था.हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि गलती से उन्होंने कथित शब्द का इस्तेमाल कर दिया था. उस वीडियो को बीजेपी आईटी सेल के मुखिया ने एक्स पर पोस्ट किया था. बीजेपी ने कहा कि चीन के पक्ष में नेहरू जी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट को छोड़ दिया. राहुल गांधी, चीन से गुप्त एमओयू साइन करते हैं. राजीव गांधी फाउंडेशन चीनी दूतावास से फंड स्वीकार करता है. भारत के बाजार के बारे में जानकारी दी जाती है उसके बाद चीनी सामानों के लिए यूपीए सरकार बाजार खोल देती है. उसका असर भारत के एमएसएमई पर पड़ता है और अब चीनी आक्रमण पर अय्यर सफेदी कर रहे हैं. सच तो यह है कि भारत के 38 हजार वर्ग किमी जमीन पर चीन का कब्जा है. अब कांग्रेस का वो कौन सा प्यार है जो चीन के लिए उमड़ पड़ता है.
अय्यर से किनारा लेकिन मोदी पर निशाना
बीजेपी के निशाना साधे जाने के बाद कांग्रेस ने खुद को अय्यर के बयान से अलग कर लिया.जयराम रमेश ने कहा कि अय्यर ने जो कहा था उसके लिए उन्होंने माफी मांग ली है. लेकिन साथ में यह भी आरोप लगाया कि पीएम मोदी तो 2020 में चीनी घुसपैठ पर क्लीन चिट देते हैं. जयराम रमेश कहते हैं कि 20 अक्तूबर 1962 को चीनी आक्रमण वास्तविक तौर पर हुई थी. लेकिन 2020 में लद्दाख में जो कुछ हुआ जिसमें हमारे चालीस सैनिक शहीद हुए वो भी तो सही है.
जयराम रमेश ने कहा कि चीन की उस घुसपैठ के बाद यथास्थिति बदल गई. अब मौजूदा पीएम जो कि जा रहे हैं उन्होंने तो क्लीन चिट दे दी. सच तो यह है कि डापसांग और डेमचोक रीजन में दो हजार वर्ग किमी जमीन हमारे दायरे से बाहर है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों को झूठ बोलने की आदत पड़ी हुई है.