House number 3989: एक साधारण पता, जो बताता है कैसे थे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

Manmohan singh death: सिंह ने संसद में प्रवेश करने से पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया की विधवा हेमोप्रबा सैकिया से 700 रुपये मासिक किराए पर मकान लिया था.;

Update: 2024-12-27 16:35 GMT

Manmohan singh tributes: मकान संख्या 3989, नंदन नगर, सरुमतारिया, दिसपुर, गुवाहाटी, असम -781006. असम के राजधानी परिसर से ज्यादा दूर नहीं. एक शांत इलाके में स्थित यह साधारण-सा पता एक ऐसे व्यक्ति की विनम्रता को दर्शाता था. जो 1991 से 2019 तक यहां किरायेदार रहा था. जब मनमोहन सिंह (Manmohan singh) राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करते थे तो यह आधिकारिक तौर पर उनका स्थायी पता था.

बिना तामझाम की जगह

दो कमरों वाला यह अपार्टमेंट अपने किरायेदार के उच्च दर्जे का कोई भी संकेत नहीं देता था. इसमें एक जोड़ी सोफा, एक चाय की मेज, एक बिस्तर और एक रैक थी, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब सहित कुछ पुस्तकें रखी हुई थीं. मई 2007 में जब इस लेखक को अपार्टमेंट देखने का मौका मिला था, तब वहां सजावट के लिए गुरु नानक का चित्र और महाराष्ट्र के एक गुरुद्वारे में खींची गई सिंह (Manmohan singh) की अपनी तस्वीर ही एकमात्र वस्तु थी. उस समय सिंह राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए गुवाहाटी गए हुए थे. 2004 में प्रधानमंत्री बनने के बाद असम में अपने "घर" की यह उनकी पहली यात्रा थी. उन्होंने वहां करीब 20 मिनट बिताए थे.

असम में दूसरा घर

सिंह ने संसद में प्रवेश करने से पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया की विधवा हेमोप्रबा सैकिया से 700 रुपये मासिक किराए पर मकान लिया था. सैकिया के अनुनय के कारण ही सिंह (Manmohan singh) ने पीवी नरसिम्हा राव द्वारा वित्त मंत्री बनाये जाने के बाद असम से राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ने का विकल्प चुना था. यहीं से विशेषकर असम और सामान्यतः पूर्वोत्तर के साथ उनके लम्बे जुड़ाव की शुरुआत हुई.

पूर्वोत्तर में योगदान

हाल के दिनों में पूर्वोत्तर में जो भी बुनियादी ढांचागत विकास हुआ है, वह उस संघ की विरासत के कारण ही है. राव के अधीन वित्त मंत्री के रूप में सिंह (Manmohan singh) ने 1992 में भारत की 'पूर्व की ओर देखो' नीति शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना था, तथा व्यापक आर्थिक विकास के हिस्से के रूप में पूर्वोत्तर क्षेत्र को भी ध्यान में रखना था. उदारीकरण एजेंडा. नीति के तहत शुरू की गई भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान मल्टी मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना ने भूमि से घिरे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और कनेक्टिविटी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी.

पूर्वोत्तर को नक्त पर लाना

क्षेत्र की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं जैसे ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग, पूर्व-पश्चिम गलियारा और बोगीबील पुल, पड़ोसी देशों, विशेष रूप से म्यांमार, बांग्लादेश, के साथ क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नीति सिद्धांत में दिए गए मजबूत जोर के अनुरूप पूरे किए गए और भूटान. इस क्षेत्र को राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिष्ठा में स्थान दिलाने के लिए ताकि यह देश की लुक ईस्ट नीति में "तीर-सिर" की भूमिका निभा सके, जिसे अब एक्ट ईस्ट नीति के रूप में पुनः नामित किया गया है. उत्तर पूर्व के लिए 2020 का विज़न दस्तावेज़ 2008 में तैयार किया गया था. सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी.

एनआरसी, सिंह के दिमाग की उपज

यहां तक कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भी स्वीकार किया है कि विज़न दस्तावेज़ ने “पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान की है, ताकि इसे अन्य विकसित क्षेत्रों के बराबर लाया जा सके. 2018 में प्रकाशित असम का विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) सिंह (Manmohan singh) की एक और परियोजना है, जिसे वर्तमान भाजपा शासन ने हथिया लिया है. यह सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ही थी, जिसने 1985 में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक असम समझौते की अधूरी शर्तों में से एक को पूरा करने के लिए 2005 में असम के लिए एनआरसी को अद्यतन करने की मंजूरी दी थी.

Tags:    

Similar News