इतिहास मेरे लिए रहेगा उदार, सियासी हमलों के बीच जब बोले थे मनमोहन सिंह
Manmohan Singh News:मनमोहन सिंह आमतौर पर कम बोलते थे। अपने ऊपर तीखे आरोपों का जवाब संजीदगी से देते थे। यहां हम बताएंगे कि अंतिम प्रेस कांफ्रेंस में क्या कहा था।;
Manmohan Singh Death News: 92 साल की उम्र में सांसों ने मनमोहन सिंह की शरीर का साथ छोड़ दिया। दिल्ली एम्स में गुरुवार रात को निधन हो गया। सियासत से सीधा नाता तब स्थापित हुआ जब वो देश के वित्त मंत्री बने। आर्थिक संकट के दौर से देश गुजर रहा था। उस समय उदारीकरण और वैश्वीकरण के सूत्र से देश को आगे बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़े। विरोध भी हुआ लेकिन अब कहा जाता है कि आधुनिक भारत के लिए वो बुनियादी सूत्र साबित हुए। साल 2004 उनकी जिंदगी के लिए टर्निंग प्वाइंट की तरह आया जब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने उन्हें पीएम बनाने का फैसला किया। 2014 तक वो देश के दो दफा पीएम (Manmohan Singh Prime Minister) रहे। 2004 से 2009 यूपीए का पहला कार्यकाल (UPA First Regime) और 2009 से 2014 तक यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसले किए। लेकिन दूसरे कार्यकाल में कई आक्षेप का सामना करना पड़ा।
प्रेस कांफ्रेस के जरिए वो अपनी बात कहा करते थे। विपक्ष के तीखे हमलों का जवाब देते थे। उस क्रम में साल 2014 में पीएम के रूप में आखिरी प्रेस कांफ्रेस की थी जिसमें भावुक अंदाज में कहा था कि उम्मीद है कि इतिहास उनके लिए उदार रहेगा। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीटीवी के एक रिपोर्टर ने डॉ. सिंह से अपने मंत्रियों पर लगाम न लगा पाने और कई स्थितियों में कार्रवाई करने से इनकार करने के बारे में पूछा था। इस पर जवाब देते हुए डॉ. सिंह (Manmohan Singh 2014 Press Conference) ने मुस्कुराते हुए कहा था कि मैं ईमानदारी से मानता हूं कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में अधिक दयालु होगा। उन्होंने आगे कहा मैं सरकार की कैबिनेट प्रणाली में होने वाली सभी चीजों का खुलासा नहीं कर सकता। मुझे लगता है कि परिस्थितियों और गठबंधन राजनीति की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए मैंने परिस्थितियों के अनुसार जितना अच्छा कर सकता था, किया है।
उस समय, यूपीए-2 सरकार (UPA 2 Government) अपने कई मंत्रालयों में भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही थी, जो 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के सत्ता में आने के पीछे एक प्रमुख कारण था। 92 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। एम्स ने एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह (Manmohan Singh death news) उम्र संबंधी बीमारियों के लिए उपचाराधीन थे। आज, वे घर पर बेहोश हो गए। अस्पताल ने कहा, "घर पर तुरंत ही पुनर्जीवन उपाय शुरू किए गए। उन्हें रात 8.06 बजे एम्स के मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9.51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के रूप में कार्यपालिका का नेतृत्व करने से पहले, डॉ. सिंह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (Manmohan Singh RBI Governor) के रूप में कार्यरत थे और वित्त मंत्री के रूप में पीवी नरसिम्हा राव सरकार के तहत भारत के आर्थिक सुधारों की देखरेख करते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को कहा कि भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक के निधन पर शोक मना रहा है। भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर, वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बन गए। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया, और वर्षों से हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी व्यावहारिक थे। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।