BSF के नए वीडियो में भागते दिखे पाक सैनिक,ऑपरेशन सिंदूर के दौरान का एक्शन
BSF ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादी ढांचे और पाकिस्तानी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया।;
मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा जारी एक नए वीडियो में पाकिस्तानी सैनिकों को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी कार्रवाई के दौरान अपने ठिकानों से भागते हुए देखा गया। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के सीमावर्ती पोस्टों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
यह स्ट्राइक 8 से 10 मई के बीच भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई का हिस्सा थी।
BSF द्वारा साझा किए गए वीडियो में 1 मिनट 9 सेकंड पर वह क्षण दिखता है जब पाकिस्तानी सैनिक भारतीय हमलों की आवाज सुनकर अपने पोस्ट से भागते नजर आते हैं।
BSF के DIG इंद्रेश्वर ने जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 8 मई की रात सियालकोट के पास 40–50 आतंकवादियों के मूवमेंट को BSF की निगरानी प्रणाली ने पकड़ा था।
उन्होंने कहा, “हमने सांबा क्षेत्र में एक पूर्व-खुफिया हमले को अंजाम दिया ताकि उनकी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया जा सके।”
सीमा पार की प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा, “वे अपने पोस्ट छोड़कर भाग गए। वे इतनी कड़ी प्रतिक्रिया के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन हमें आशंका है कि वे भविष्य में फिर से आतंकवादी ढांचे को पुनर्स्थापित करेंगे।”
BSF ने पुष्टि की कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवाद से जुड़े ढांचों और पाकिस्तानी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में शुरू किया गया था।
वीडियो में पाकिस्तान रेंजर्स को कवर लेने की कोशिश करते हुए भी दिखाया गया है, जब भारतीय बलों ने आतंक से जुड़े अहम स्थानों पर हमला किया। दृश्य में पाकिस्तानी सेना की चौकियों के नष्ट होने को दिखाया गया है, जो भारतीय ऑपरेशन की सटीकता और प्रभाव को दर्शाता है।
यह वीडियो सीमा पार खतरों पर भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया और सैन्य कार्रवाई की पारदर्शिता को उजागर करता है।
BSF ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “BSF ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी कार्रवाई और पाकिस्तानी बलों को पहुंचाए गए नुकसान का वीडियो जारी किया है, जो 8–10 मई के बीच चलाया गया था।”
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान BSF ने क्या-क्या निशाना बनाया?
BSF ने मंगलवार को बताया कि उसने 76 पाकिस्तानी सीमा चौकियों और 42 अग्रिम रक्षा ठिकानों (FDLs) पर हमले किए, और तीन आतंकी लॉन्च पैड्स को नष्ट किया।
ये हमले पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर की गई बिना उकसावे की फायरिंग और गोलेबारी के जवाब में किए गए।
BSF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) चित्रपाल सिंह ने पत्रकारों को बताया, “पाकिस्तान ने हमारे 60 सीमा चौकियों और 49 FDLs पर फायरिंग की। जवाब में, हमने उनके 76 पोस्ट और 42 FDLs पर फायरिंग की।”
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ISI द्वारा संचालित एक बड़ा आतंकी लॉन्च पैड, जो सुंदरबनी सेक्टर के पास स्थित था, उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। “अब वहां से कोई मूवमेंट नहीं देखा गया है,” उन्होंने कहा।
BSF के जम्मू फ्रंटियर के IG शशांक आनंद ने पुष्टि की कि खुफिया सूचनाओं के अनुसार, कई लॉन्च पैड्स नष्ट हुए, जिससे आतंकियों और पाकिस्तानी रेंजर्स दोनों को हानि हुई।
उन्होंने कहा, “लश्कर-ए-तैयबा का एक लॉन्च पैड, जो 'चिकन नेक' इलाके के सामने था, 9-10 मई की रात एक विशेष हथियार प्रणाली से नष्ट किया गया। इसके अलावा लोनी, मस्तपुर और छब्बरा के लॉन्च पैड्स भी ध्वस्त कर दिए गए।”
“हम कुल नुकसान का मूल्यांकन कर रहे हैं। तीन लॉन्च पैड और कई पोस्ट तबाह किए गए। कई पाकिस्तानी गांवों को रेंजर्स ने खाली करवा दिया।”
BSF और सेना ने राजौरी व पुंछ जैसे संवेदनशील इलाकों में अपनी तैनाती बढ़ा दी है, साथ ही जम्मू, सांबा और कठुआ में भी अपनी स्थिति मजबूत की है।
IG आनंद ने बताया, “22 अप्रैल के बाद, पाकिस्तानी रेंजर्स की अग्रिम पोस्ट पर उपस्थिति कम हुई, लेकिन BSF ने आक्रामक गश्ती जारी रखी। हमारे जवानों में महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने पूरी मजबूती से मोर्चा संभाला।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी बलों ने घबराकर अगले दिन अखनूर में गोलेबारी की, जिसका BSF ने जोरदार जवाब दिया।
“9 और 10 मई की रात, हमने लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया और एक को सीमा से मात्र 3 किमी दूर नष्ट किया।”
DIG वीरेंद्र दत्ता, जो सुंदरबनी क्षेत्र से हैं, ने कहा कि उन्हें 18–20 आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश की सूचना मिली थी। वे बोले, “हमने रणनीतिक मोर्टार हमलों के जरिए दुश्मन की चौकियों को घेर लिया और कई पाकिस्तानी ठिकानों को तबाह कर दिया।”
महिला सैनिकों की बहादुरी
IG आनंद ने सीमा पर तैनात महिला कर्मियों की बहादुरी की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारी महिला सैनिकों को बटालियन मुख्यालय लौटने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने अग्रिम पोस्ट पर ही डटे रहने का निर्णय लिया। असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी और अन्य महिला कांस्टेबल्स ने दुश्मन की फायरिंग का डटकर मुकाबला किया।”
ड्रोन हमलों का जवाब
BSF ने बताया कि पाकिस्तान ने कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया। IG आनंद ने कहा, “10 मई की सुबह, पाकिस्तान ने हमारे पोस्टों को निशाना बनाते हुए कम ऊंचाई वाले ड्रोन तैनात किए। हमारे जवानों ने प्रतिक्रिया दी, लेकिन एक ड्रोन ने विस्फोटक गिराया, जिससे दो BSF जवान और एक आर्मी जवान शहीद हो गए।”
इसका जवाब देते हुए BSF ने पाकिस्तानी बंकरों, निगरानी उपकरणों और संचार टावरों पर बड़े पैमाने पर हमले किए, खासकर सियालकोट क्षेत्र में।
IG आनंद ने कहा, “हम अपने शहीदों को सम्मान देने के लिए दो पोस्टों का नाम उनके नाम पर रखेंगे। सांबा की एक पोस्ट का नाम ‘सिंदूर’ रखा जाएगा।”
पाकिस्तानी क्षेत्र में सफेद झंडों की रिपोर्ट पर BSF का जवाब
BSF IG आनंद ने कहा, “DGMO स्तर पर संवाद हुआ है। निचले स्तर पर कोई संवाद नहीं हुआ है। हम उनके व्यवहार पर नजर रखे हुए हैं। कोई भी निर्णय पाकिस्तानी पक्ष के भविष्य के रवैये के आधार पर लिया जाएगा।”