नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: एक माह बाद भी रिपोर्ट का इंतजार, नहीं हुई FIR
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में हाई लेवल जांच कमिटी का गठन किया गया था लेकिन अभी तक न तो जाँच रिपोर्ट आई है और न ही कोई FIR दर्ज हुई।;
New Delhi Railway Station Stampede : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ की घटना को एक महीना बीत चुका है, लेकिन पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है। बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट अब तक पूरी नहीं की है। रिपोर्ट आने के बाद रेलवे पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
पांच अधिकारियों को हटाया गया, दो को नई तैनाती
घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने 4 मार्च को चार अलग-अलग आदेश जारी कर पांच अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया था। हटाए गए अधिकारियों में शामिल हैं:
स्टेशन डायरेक्टर महेश यादव
डिवीजनल कॉमर्शियल मैनेजर (सीनियर DCM) आनंद मोहन
डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) सुखविंदर सिंह
एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर (ADRM) विक्रम सिंह राणा
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर महेश चंद सैनी
हालांकि, इनमें से दो अधिकारियों को फिर से अलग-अलग स्थानों पर तैनात कर दिया गया है।
बड़ी कार्रवाई की तैयारी
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ, उनकी जवाबदेही तय करने के लिए उच्च स्तरीय जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
18 यात्रियों की गई थी जान
15 फरवरी की शाम नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14-15 पर भगदड़ मच गई थी। बड़ी संख्या में यात्री महाकुंभ मेले में शामिल होने प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पकड़ने पहुंचे थे। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए थे।
पहले भी हो चुकी हैं भगदड़ की घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची हो। इससे पहले भी 2004 और 2010 में ऐसे हादसे हुए, जिनमें 7 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
13 नवंबर 2004: प्लेटफॉर्म 2-3 पर छठ पर्व के दौरान मची भगदड़ में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी और 10 लोग घायल हुए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन दो साल बाद इसे बंद कर दिया।
2010: प्लेटफॉर्म 12-13 पर विक्रमशिला एक्सप्रेस के यात्रियों की भीड़ के बीच भगदड़ मचने से 2 यात्रियों की मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में भी दो साल बाद जांच बंद कर दी गई।
क्या इस बार होगी कार्रवाई?
पिछले मामलों में रेलवे और पुलिस की जांच अधूरी ही रह गई। अब देखना होगा कि 15 फरवरी की इस घटना में रेलवे और पुलिस कोई ठोस कार्रवाई करती है या यह मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।