बजट के केंद्र में रहा चुनावी राज्य 'बिहार', जानें निर्मला सीतारमण की प्रमुख घोषणाएं

केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की गईं. बता दें कि राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.;

Update: 2025-02-01 06:47 GMT

budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अपना लगातार आठवां बजट पेश कर रही हैं.अपने भाषण में उन्होंने कहा कि सरकार ‘सबका विकास’ लक्ष्य को साकार करने के लिए सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास को प्रोत्साहित करेगी. इस दौरान उन्होंने बिहार के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की. बता दें कि राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.

उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है. पिछले 10 वर्षों में हमारी विकास यात्रा और सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है. इस दौरान भारत की क्षमता और संभावनाओं पर विश्वास और मजबूत हुआ है. हम अगले 5 वर्षों को सबका विकास साकार करने और सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठे अवसर के रूप में देखते हैं.

प्रमुख ऐलान

- बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी स्थापित किया जाएगा. इससे पूर्वी भारत में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. राज्य में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा. जो मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाएगा. इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को किसान उत्पादक संगठन (FPOs) में शामिल किया जाएगा. यह बोर्ड मखाना किसानों को प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने में मदद करेगा.

- सरकार पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा विकसित करेगी और आईआईटी पटना का विस्तार किया जाएगा.

- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ब्याज सब्सिडी योजना की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की जाएगी.

- पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को शामिल किया जाएगा. जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और पंचायत स्तर पर भंडारण सुविधाएं विकसित होंगी. इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और इसे राज्यों के साथ मिलकर लागू किया जाएगा.

- सरकार 6 वर्षीय योजना शुरू करेगी. जिसका उद्देश्य तूर, उड़द और मसूर दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना होगा.

- स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स की स्थापना की जाएगी.

- माइक्रो-उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड पेश किए जाएंगे.

- अगले साल मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 सीटें जोड़ी जाएंगी और अगले 5 वर्षों में 75,000 सीटों की वृद्धि की जाएगी.

- अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे.

- 1 करोड़ गिग वर्कर्स को सहायता प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण और पहचान पत्र जारी किए जाएंगे.

- एससी/एसटी की 5 लाख महिला उद्यमियों के लिए एक योजना शुरू की जाएगी. जिसके तहत अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन दिया जाएगा. यह योजना स्टैंडअप इंडिया योजना से मिली सीखों को शामिल करेगी.

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