वॉयस सैंपल- एंप्लाई बी से आमना सामना की योजना, तहव्वुर जवाब में कहता है NO

मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने एनआईए पूछताछ कर रही है। अब तक की जानकारी के मुताबिक ज्यादातर सवालों के जवाब या तो वो ना में या देता ही नहीं है।;

Update: 2025-04-13 07:43 GMT
मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने एनआईए के अधिकारी कर रहे हैं पूछताछ

मुंबई 26/11 आतंकी हमलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तानी-कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा से पूछताछ तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए राणा का वॉयस सैंपल लेने की योजना बना रही है, ताकि हमले से जुड़े कॉल रिकॉर्ड्स की पुष्टि की जा सके।


'एम्प्लॉयी बी' से आमना-सामना कराएगी एनआईए

एनआईए सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा को जल्द ही एक रहस्यमयी व्यक्ति 'एम्प्लॉयी बी' के सामने पेश किया जाएगा। कहा जा रहा है कि यह कर्मचारी डेविड हेडली (असली नाम: दाऊद गिलानी) को लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल सपोर्ट देने के लिए राणा द्वारा नियुक्त किया गया था।हालांकि, एनआईए का यह भी कहना है कि 'एम्प्लॉयी बी' को आतंकवादी साजिश की जानकारी नहीं थी और वह केवल रिसेप्शन, ट्रांसपोर्ट, ठहरने और ऑफिस-कम-रेजिडेंस जैसी सुविधाएं देने तक ही सीमित था।

बड़ी साजिश की परतें उधेड़ने में जुटी एनआईए

एनआईए इस मामले को बड़ी साजिश के रूप में देख रही है, जिसमें 175 से अधिक लोगों की जान गई थी। जांच एजेंसी का फोकस राणा की सटीक भूमिका और जिम्मेदारी तय करने पर है।एनआईए की टीम राणा से उनके और हेडली के बीच हुई कई फोन कॉल्स और डुबई में मौजूद एक संदिग्ध व्यक्ति से उनकी मुलाकातों के बारे में भी पूछताछ कर रही है। डुबई का यह व्यक्ति कथित तौर पर हमले की योजना से परिचित था।

वॉयस सैंपल: राणा की सहमति जरूरी

एनआईए यदि राणा की आवाज को कॉल रिकॉर्ड्स से मिलाना चाहती है, तो इसके लिए उनकी सहमति आवश्यक होगी। यदि वह मना करते हैं, तो एजेंसी को अदालत से अनुमति लेनी होगी।सूत्रों का कहना है कि यदि राणा वॉयस सैंपल देने से इनकार करते हैं, तो यह बात चार्जशीट में शामिल की जाएगी, जिससे उनकी कानूनी स्थिति कमजोर हो सकती है।अगर अनुमति मिलती है, तो सेंट्रल फॉरेंसिक लैबोरेटरी के विशेषज्ञ शांत कमरे में सैंपल लेंगे।

आईएसआई और लश्कर से संबंधों की भी जांच

एनआईए राणा से उनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से संभावित संबंधों को लेकर भी पूछताछ कर रही है। लश्कर ही 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड बताया जाता है।इसके अलावा राणा के भारत के उत्तर और दक्षिण भारत के हिस्सों में किए गए दौरों की जानकारी भी जुटाई जा रही है, जो उन्होंने मुंबई हमले से कुछ दिन पहले किए थे।

हेडली को दी थी सुविधा, छिपाई थी पहचान

एनआईए का आरोप है कि राणा ने अपने इमिग्रेशन बिजनेस के जरिए हेडली को कवर प्रदान किया, जिससे हेडली को वीजा मिलने में मदद मिली और उसकी मुस्लिम पहचान और पाकिस्तानी नागरिकता को छिपाया गया।इसके अलावा, राणा ने हेडली की मोरक्कन पत्नी फैज़ा आउटालाह के लिए दस्तावेज तैयार करने और कराची से फ्लाइट बुकिंग कराने में भी सहायता की।

अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद 18 दिन की हिरासत

64 वर्षीय तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया है। उन्हें एनआईए की 18 दिन की हिरासत में रखा गया है, जहां उनसे व्यापक पूछताछ की जा रही है। वह CGO कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय की उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखे गए हैं, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षा तैनात है।

कोठरी में नमाज़ और क़ुरान

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, तहव्वुर राणा को कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है। लेकिन उनकी मांग पर उन्हें क़ुरान की एक प्रति दी गई है, और वह दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ रहा है। एनआईए अधिकारियों ने उसे कलम और कागजभी दिए हैं, लेकिन उस पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि वह उनका दुरुपयोग न कर सकें।26/11 हमलों की जांच में तहव्वुर राणा की भूमिका पर से हर दिन नई परतें खुल रही हैं।

एनआईए की जांच में उसकी भूमिका, संपर्क, और साजिश में उनकी भागीदारी को लेकर कई अहम खुलासे होने की संभावना है। आने वाले दिनों में यह जांच हमले की अंतरराष्ट्रीय साजिश को उजागर करने में अहम साबित हो सकती है।मुंबई 26/11 आतंकी हमलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तानी-कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा से पूछताछ तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए राणा का वॉयस सैंपल लेने की योजना बना रही है, ताकि हमले से जुड़े कॉल रिकॉर्ड्स की पुष्टि की जा सके।

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