Operation Sindoor: भारत ने HAMMER And SCALP का कैसे किया इस्तेमाल

पहलगाम आतंकी हमले के करीब 14 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तरह आतंकियों के 9 कैंप को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में Hammer और Scalp का इस्तेमाल किया गया।;

Update: 2025-05-07 04:53 GMT

Operation Sindoor: बुधवार तड़के भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में फैले आतंकी ठिकानों पर एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया। इस ऑपरेशन को कोडनेम “ऑपरेशन सिंदूर” दिया गया था। इसमें वायुसेना, नौसेना और थलसेना—तीनों सेनाओं की संयुक्त तैनाती की गई। यह 2019 के बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी सीमा पार सटीक कार्रवाई मानी जा रही है।

पहलगाम हमले के जवाब में आई कार्रवाई

यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। मृतकों में भारतीय नौसेना का एक अधिकारी और नेपाल का एक नागरिक भी शामिल था। इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जोड़ा गया है, जिसे पाकिस्तान सरकार से लॉजिस्टिक और वित्तीय समर्थन मिलने के आरोप लगते रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुए हथियार

भारत ने इस ऑपरेशन में कई आधुनिक और सटीक हथियार प्रणालियों का प्रयोग किया गया। 

SCALP (Storm Shadow): यह एक लंबी दूरी की एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर से अधिक है। इसका प्रयोग गहरे आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए किया गया।

HAMMER (Highly Agile Modular Munition Extended Range): यह स्मार्ट बम प्रबलित बंकरों और बहुमंज़िला इमारतों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो LeT और JeM जैसे संगठनों के ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक केंद्र थे। इसकी मारक क्षमता 50–70 किलोमीटर तक होती है।

लोइटरिंग म्यूनिशन (कामीकाज़े ड्रोन): इन ड्रोन प्रणालियों का उपयोग निगरानी, लक्ष्य पहचान और अंतिम हमले के लिए किया गया। ये लक्ष्य के ऊपर मंडराकर उपयुक्त समय पर हमला करते हैं, चाहे स्वचालित रूप से हो या रिमोट कंट्रोल द्वारा।

ऑपरेशन में निशाना बनाए गए प्रमुख ठिकाने

ऑपरेशन सिंदूर के तहत कुल नौ ठिकानों पर हमला किया गया जिनमें चार पाकिस्तान के भीतर और पांच PoK में स्थित थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य चौकी को निशाना नहीं बनाया गया। सभी लक्ष्य उन्हीं आतंकी संगठनों के आधारों पर केंद्रित थे जो प्रतिबंधित हैं और भारत में हमलों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।

1. मरकज़ सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर (Jaish-e-Mohammed)

यह जैश-ए-मोहम्मद का वैचारिक और संचालन मुख्यालय माना जाता है, जहां वरिष्ठ आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था।

2. मरकज़ तैय्यबा, मुरिदके (Lashkar-e-Taiba)

यह 200 एकड़ में फैला परिसर indoctrination, योजना और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए इस्तेमाल होता था। यह ऑपरेशन के दौरान सबसे मजबूत और संरक्षित लक्ष्य था।

3. मरकज़ अब्बास, कोटली (JeM)

यह शिविर आत्मघाती हमलावरों के प्रशिक्षण और हथियार वितरण का प्रमुख केंद्र था।

4. सैयदना बिलाल और शवाई नाला शिविर, मुज़फ़्फराबाद (JeM और LeT)

ये शिविर घुसपैठ के लिए और स्लीपर सेल्स के प्रशिक्षण के रूप में काम आते थे।

5. मरकज़ अहले हदीस, बरनाला (LeT)

यह स्थान क्षेत्रीय लॉजिस्टिक्स और सहायता केंद्र के रूप में कार्यरत था।

6. सरजल, टेहरा कलां (JeM)

यह शिविर नए आतंकियों के लिए प्री-इंफिल्ट्रेशन प्रशिक्षण केंद्र था।

7. महमूना जोया, सियालकोट (Hizbul Mujahideen)

यह कम चर्चित लेकिन सक्रिय हिज़बुल मुजाहिदीन प्रशिक्षण केंद्र है, जो संगठन के कमजोर पड़ने के बावजूद अब भी सीमित स्तर पर कार्यरत है।

भारत का रुख स्पष्ट

रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह आतंकी ढांचे को निष्क्रिय करने पर केंद्रित था और इसमें पाकिस्तान की किसी सैन्य स्थापना को निशाना नहीं बनाया गया।

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