वो 9 टेरर कैंप जो किए गए तबाह, आखिर इन्हें ही क्यों बनाया गया निशाना

ऑपरेशन सिंदूर में तबाह किए गए आतंकियों के 9 कैंप के बारे मे कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विस्तार से जानकारी दी।;

Update: 2025-05-07 07:26 GMT

ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सेना और वायुसेना ने विस्तार से बताया कि आतंकियों के किन कैंप को निशाना बनाया गया। उसके पीछे वजह क्या थी। आप को भी जानने की दिलचस्पी होगी कि वो कैंप कौन से हैं किन किन इलाकों में हैं और किन आतंकी तंजीमों से नाता है। इस ऑपरेशन के बारे में सेना और वायुसेना की तरफ से बताया गया कि हमने अपने टारगेट पर सिर्फ निशाना साधा है। पाकिस्तान सरकार की किसी संस्था या सेना के ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। 

मरकज़ सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर

2015 से सक्रिय यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्य प्रशिक्षण केंद्र है। इसे JeM का संचालन मुख्यालय माना जाता है और यह 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले सहित कई आतंकी साजिशों से जुड़ा रहा है। इस परिसर में JeM प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, डिफैक्टो चीफ मुफ्ती अब्दुल रऊफ असघर, मौलाना अम्मार और अन्य परिवार के सदस्यों का निवास भी है। मसूद अजहर यहीं से कई बार भारत विरोधी भाषण देता रहा है, जिनमें युवाओं को "इस्लामिक जिहाद" से जुड़ने की अपील की जाती थी। इस ठिकाने पर नियमित रूप से हथियार, शारीरिक और धार्मिक प्रशिक्षण चलता है।


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मरकज़ तैय्यबा, मुरिदके

सन् 2000 में पंजाब के शेखूपुरा ज़िले के नंगल सधान, मुरिदके में स्थापित यह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र है। यहां पाकिस्तान और बाहरी देशों से आने वाले भर्ती आतंकियों को हथियार चलाने और कट्टरपंथी विचारधारा में प्रशिक्षित किया जाता है।

यह LeT का ‘आल्मा मेटर’ और सबसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण स्थल है। हर साल लगभग 1,000 छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। कहा जाता है कि ओसामा बिन लादेन ने इस परिसर में मस्जिद और गेस्टहाउस के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी थी। 26/11 मुंबई हमलावरों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था, जिनमें अजमल कसाब भी शामिल था। इसके अलावा डेविड हेडली और तहव्वुर राणा जैसे साजिशकर्ताओं ने भी यहां समय बिताया था।

सरजल / टेहरा कलां

पंजाब, पाकिस्तान के नारोवाल ज़िले की शकरगढ़ तहसील के गांव टेहरा कलां में स्थित यह जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चिंग अड्डा है। यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की आड़ में संचालित होता है और अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 6 किलोमीटर दूर, जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर के पास स्थित है। यहां सुरंग निर्माण, ड्रोन अभियानों और हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी का काम होता है। वरिष्ठ JeM आतंकी जैसे मोहम्मद अदनान अली (@Doctor) और काशिफ जान यहां आते रहते हैं। इसकी निगरानी मुफ्ती अब्दुल रऊफ असघर करते हैं।

महमूना जोया ठिकाना, सियालकोट

सियालकोट ज़िले के हेड माराला क्षेत्र में स्थित यह हिज़बुल मुजाहिदीन (HM) ठिकाना भुट्टा कोटली सरकारी BHU (प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई) के भीतर संचालित होता है। इसका उपयोग जम्मू में घुसपैठ के लिए किया जाता है। यहां आतंकियों को हथियार चलाने और गुरिल्ला युद्ध की रणनीति में प्रशिक्षित किया जाता है। इसे मोहम्मद इरफ़ान ख़ान (@Irfan Tanda) संचालित करता है, जिसका नाम जम्मू क्षेत्र में कई आतंकी हमलों से जुड़ा है। यहां एक समय में 20–25 आतंकी मौजूद रहते हैं।

मरकज़ अहले हदीस, बरनाला (भिंबर)

बरनाला शहर के बाहरी इलाके, कोटे जमेल रोड पर स्थित यह LeT ठिकाना पूंछ–राजौरी–रीासी क्षेत्र में आतंकियों और हथियारों की घुसपैठ के लिए प्रयोग होता है। इसमें 100–150 आतंकियों के रहने की व्यवस्था है और यह संचालन का एक प्रमुख अड्डा है। LeT के कासिम गुज्जर कासिम खंडा और अनस जरार जैसे आतंकी यहां से संचालन करते हैं, और वरिष्ठ कमांडरों की निगरानी में रहते हैं।

मरकज़ अब्बास, कोटली

जिसे मरकज़ सैयदना हज़रत अब्बास बिन अब्दुल मुत्तालिब भी कहा जाता है, यह JeM का प्रमुख ठिकाना है जिसे हाफिज़ अब्दुल शाकूर  संचालित करता है। वह मुफ्ती अब्दुल रऊफ असघर का करीबी और JeM की शूरा का सदस्य है। यहां 100–125 आतंकियों के लिए जगह है और यह पूंछ–राजौरी क्षेत्र में घुसपैठ की योजना और कार्यान्वयन का केंद्र है। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कारी जर्रार को वांछित घोषित कर चुकी है।

मसकर रहील शहीद, कोटली

यह हिज़बुल मुजाहिदीन का ठिकाना 150–200 आतंकियों की क्षमता वाला है और विशेष रूप से हथियार प्रशिक्षण, स्नाइपिंग, बैट (BAT) ऑपरेशन और पहाड़ी इलाकों में जीवित रहने की कला पर केंद्रित है। यह PoJK में HM का सबसे पुराना और सक्रिय ठिकानों में से एक है।

शवाई नाला शिविर, मुज़फ़्फराबाद

जिसे बैत-उल-मुजाहिदीन के नाम से भी जाना जाता है, यह LeT का प्रशिक्षण शिविर मुज़फ़्फराबाद–नीलम रोड पर चेलाबंदी पुल के पास स्थित है और 2000 के दशक की शुरुआत से सक्रिय है। यहां धार्मिक शिक्षा, शारीरिक प्रशिक्षण, GPS उपयोग और हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता है। 26/11 के हमलावरों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था। इस शिविर में 200–250 आतंकी रह सकते हैं और यह उत्तर कश्मीर में अभियानों के लिए स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में उपयोग होता है।

मरकज़ सैयदना बिलाल, मुज़फ़्फराबाद

लाल किले (रेड फोर्ट) के सामने स्थित यह JeM का मुख्य केंद्र है और PoJK में इसका प्रमुख ठिकाना माना जाता है। यह जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ से पहले आतंकियों के लिए ट्रांजिट कैंप के रूप में काम करता है। इसमें आमतौर पर 50–100 आतंकी रहते हैं। इसकी कमान मुफ्ती असघर ख़ान कश्मीरी के पास है और यहां से भारत में वांछित अपराधी आशिक नेंगरू और JeM कमांडर अब्दुल्ला जिहादी भी जुड़े हैं। यहां पाकिस्तान सेना के SSG कमांडो प्रशिक्षण भी देते हैं।

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