करीब 15 लोकल थे आतंकियों के मददगार, पहलगाम मामले में आई जानकारी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में एजेंसियां कड़ी कार्रवाई कर रही हैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक 15 स्थानीय लोगों ने हमलावरों की मदद की थी।;

Update: 2025-04-27 04:01 GMT
पहलगाम आतंकी हमले की तह तक पहुंचने के लिए जम्मू-कश्मीर में सघन अभियान चलाया जा रहा है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। जांचकर्ताओं को पता चला है कि कश्मीर घाटी के 15 स्थानीय लोगों ने आतंकियों को रसद, हथियार और अन्य सहायता पहुंचाई थी। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए खुलासा हुआ कि इन लोगों ने हमलावरों को लॉजिस्टिक और हथियार मुहैया कराए, जो पाकिस्तान से आए थे।

पांच मुख्य संदिग्धों पर एजेंसियों का फोकस

जांच एजेंसियां अब पांच मुख्य संदिग्धों पर फोकस कर रही हैं। इनमें से तीन को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है। हमले के दिन ये सभी संदिग्ध घटनास्थल के आसपास मौजूद थे और उनके मोबाइल फोन भी उसी इलाके में सक्रिय थे। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से एक चैट सामने आई है, जिसमें गिरफ्तार तीनों संदिग्ध आपस में पहलगाम में मौजूद पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करने की बात कर रहे थे।

200 से अधिक OGWs से पूछताछ

सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियां अब तक 200 से ज्यादा ओवर ग्राउंड वर्करों (OGWs) से पूछताछ कर चुकी हैं। पूछताछ का मकसद हमले की साजिश के ताने-बाने को समझना और इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान करना है।J&K पुलिस के अनुसार, ये 15 स्थानीय मददगार पहले से ही OGWs के रूप में दर्ज हैं। माना जाता है कि इन्होंने दक्षिण कश्मीर में पहले भी पाकिस्तानी आतंकियों की रसद पहुंचाने, जंगलों में रास्ता दिखाने और हथियारों की आपूर्ति में मदद की थी। अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में 4-5 आतंकी शामिल थे, जिनमें कम से कम दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय कश्मीरी थे।

अब तक 1,500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। फिलहाल 15 संभावित संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही, दक्षिण कश्मीर में सक्रिय अन्य OGWs से भी पूछताछ जारी है ताकि इलाके में देखे गए पाकिस्तानी आतंकियों के ठिकानों का पता चल सके।सूत्रों के अनुसार, हमलावरों की तलाश बिसरन के आसपास के घने जंगलों में की जा रही है। हालांकि आसपास के कस्बों और जिलों में तलाशी अभियान के बावजूद अब तक आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे अंदेशा है कि वे अब भी जंगलों में छिपे हो सकते हैं।

Tags:    

Similar News