टर्बुलेंस में फंसे भारतीय प्लेन को पाकिस्तान ने नहीं दिया अपना एयर स्पेस

पाकिस्तान ने भीषण आंधी-तूफान के बीच हवा में फंसी IndiGo की दिल्ली-श्रीनगर फ्लाइट को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। पायलट ने इमरजेंसी में अनुमति मांगी थी।;

Update: 2025-05-23 07:29 GMT
21 मई को दिल्ली से श्रीनगर जाने वाली फ्लाइट 6E 2142 को अचानक भीषण टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। विमान सुरक्षित रूप से श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा

दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E2142 बुधवार को अचानक आए आंधी-तूफान में फंस गई और हवा में ही turbulence का शिकार हो गई।

स्थिति से निपटने के लिए, पायलट ने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में थोड़ी देर के लिए प्रवेश करने की अनुमति मांगी, लेकिन सूत्रों के अनुसार लाहौर ATC ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया।

इससे मजबूर होकर एयरबस A321 के पायलट को श्रीनगर ATC को आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी।

फ्लाइट में 220 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी शामिल थे। विमान सुरक्षित रूप से श्रीनगर में उतरा, हालांकि इसका रेडोम (नाक की सतह) ओलों की वजह से काफी क्षतिग्रस्त हो गया।

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने इंडिगो से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और जांच शुरू कर दी गई है। विमान (VT-IMD) फिलहाल श्रीनगर में ग्राउंडेड है। पायलटों की सतर्कता और पेशेवर रवैये की सराहना की जा रही है, जिससे सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी।”

इंडिगो ने आधिकारिक बयान में कहा, “21 मई को दिल्ली से श्रीनगर जाने वाली फ्लाइट 6E 2142 को अचानक ओले की आंधी का सामना करना पड़ा। विमान सुरक्षित रूप से श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। सभी यात्रियों की अच्छी देखभाल की गई और किसी को कोई चोट नहीं आई। विमान का निरीक्षण और रखरखाव चल रहा है, और जरूरी अनुमतियों के बाद ही इसे सेवा में बहाल किया जाएगा।”

हालांकि पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र भारतीय विमानों के लिए बंद है, उड्डयन विशेषज्ञों का कहना है कि आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस तरह की विशेष अनुमति से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।

DGCA का नया आदेश

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी वाणिज्यिक, चार्टर और निजी विमानों को निर्देश दिया है कि रक्षा हवाई अड्डों, विशेषकर पश्चिमी सीमा के पास स्थित एयरबेस पर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान विंडो शेड्स बंद रखें। यह नियम आपातकालीन निकास पंक्ति की खिड़कियों को छोड़कर सभी खिड़कियों पर लागू होगा।

यह निर्देश "ऑपरेशनल सुरक्षा बढ़ाने और आम जनता/क्रू द्वारा सुरक्षा-संबंधी जानकारी के अनजाने में प्रसारण को रोकने" के उद्देश्य से जारी किया गया है। अनुपालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों की वजह से उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत के 32 हवाई अड्डों, जैसे श्रीनगर, जम्मू, लेह, अमृतसर, चंडीगढ़, ग्वालियर और हिंडन, को कुछ दिनों के लिए बंद करना पड़ा था। हालांकि संचालन फिर से शुरू हो गया है, लेकिन सुरक्षा चिंताएं बनी हुई हैं।

DGCA का आदेश कहता है कि जब भारत का हवाई क्षेत्र वाणिज्यिक संचालन के लिए खोला जाता है, तब यह निर्देश सभी निर्धारित, कम्यूटर और गैर-निर्धारित विमानों पर लागू होगा जो रक्षा हवाई अड्डों से उड़ान भरते हैं। टेकऑफ के समय जब तक विमान 10,000 फीट की ऊंचाई पार नहीं कर लेता और लैंडिंग के समय जब तक वह 10,000 फीट से नीचे नहीं आता और सिविल टर्मिनल के पार्किंग बे तक नहीं पहुंचता, सभी विंडो शेड्स बंद रहने चाहिए।

सामान्य परिस्थितियों में सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान विंडो शेड्स खुले रखने की सिफारिश की जाती है, ताकि आपातकाल में आग, मलबा आदि का निरीक्षण कर बाहर निकलने के रास्ते पहचाने जा सकें। लेकिन रक्षा हवाई अड्डों पर नागरिक संचालन के लिए DGCA के इस आदेश में फोटोग्राफी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

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