मोदी-ट्रंप फोन कॉल से सियासी हलचल: कांग्रेस ने बताया 'ट्रिपल झटका', BJP का पलटवार
Donald Trump and Narendra Modi के बीच हुई फोन वार्ता ने भारत की विदेश नीति को लेकर नई बहस छेड़ दी है. कांग्रेस जहां इसे भारत की संप्रभुता पर हमला मान रही है. वहीं, बीजेपी इसे मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलता बता रही है.;
Narendra Modi and Donald Trump phone call: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई एक फोन कॉल ने न केवल दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों को चर्चा में ला दिया है, बल्कि देश की राजनीति में भी जबरदस्त तूफान खड़ा कर दिया है। एक तरफ जहां सरकार इस बातचीत को बड़ी कूटनीतिक सफलता बता रही है. वहीं, विपक्ष इसे ‘ट्रिपल झटका’ करार देकर प्रधानमंत्री पर सवालों की बौछार कर रहा है. इस कॉल की टाइमिंग, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस में मौजूदगी और ट्रंप के विवादित बयान– सब मिलकर इस पूरे घटनाक्रम को और भी सनसनीखेज बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई हालिया फोन वार्ता ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस बातचीत में ट्रंप ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में मध्यस्थता का दावा किया था, जिसे कांग्रेस ने 'ट्रिपल झटका' करार दिया है.
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि यह कॉल और इसके संदर्भ भारत की विदेश नीति के लिए 'ट्रिपल झटका' साबित हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के विवादास्पद बयान सीधे तौर पर 22 अप्रैल को पहलगाम हमले से जुड़े थे, आज व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ दोपहर का भोजन कर रहे हैं. रमेश ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को ट्रंप के साथ अपनी बातचीत में उठाया?
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का कड़ा विरोध करते हुए जयराम रमेश को 'जन्मजात झूठा' करार दिया. बीजेपी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि रमेश ने जिस व्हाइट हाउस के बयान का हवाला दिया, वह जनवरी 2025 का था, न कि हालिया कॉल का. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके समर्थक भारत की विदेश नीति को लेकर भ्रम फैला रहे हैं.
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वह संसद में सर्वदलीय बैठक बुलाकर ट्रंप के साथ हुई बातचीत के बारे में विपक्षी नेताओं को जानकारी दें. रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए और वही बातें शेयर करनी चाहिए, जो उन्होंने ट्रंप से की हैं.