भारत का रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड 1.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, 90 से अधिक देशों को एक्सपोर्ट

भारत का रक्षा उत्पादन 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें देश 90 से अधिक देशों को सैन्य हार्डवेयर एक्सपोर्ट कर रहा है.

Update: 2024-09-25 12:17 GMT

India defence production: भारत आज हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की से कर रहा है. आलम यह है कि दुनिया का लगभग हर देश भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के बारे में कसीदे पढ़ रहा है. कभी भारत अपने रक्षा उत्पादों के लिए विदेशों पर निर्भर था. लेकिन आज वह देश में बने डिफेंस प्रोडक्ट्स को दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट कर रहा है. रक्षा उत्पादन में भारत ने एक नई उपलब्धि हासिल की है. देश का रक्षा उत्पादन 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें देश 90 से अधिक देशों को सैन्य हार्डवेयर एक्सपोर्ट कर रहा है. यह मील का पत्थर एनडीए सरकार के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की 10वीं वर्षगांठ के साथ मुमकिन हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि तब से दस साल बाद, रक्षा क्षेत्र सहित हर क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं. भारत दुनिया के रक्षा औद्योगिक परिदृश्य में उभर रहा है. हाल के वर्षों में, घरेलू डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए, जिसमें विशेष रूप से चीन सीमा पर सैन्य तैयारियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

साल 2023-24 में पहली बार डिफेंस एक्सपोर्ट 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. मंत्रालय ने इसे पांच साल के भीतर 50,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. भारत वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े हथियार आयातकों में से एक बना हुआ है. भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 2029 तक पूंजीगत खरीद पर लगभग 130 बिलियन अमरीकी डॉलर खर्च करने की उम्मीद है. आयातित सैन्य प्लेटफार्मों पर निर्भरता कम करने के लिए जीडीपी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का सपोर्ट करती है.

रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर रक्षा विनिर्माण में 25 बिलियन अमरीकी डॉलर (1.75 लाख करोड़ रुपये) का कारोबार करना है. मई 2020 में सरकार ने स्वचालित मार्ग के तहत रक्षा क्षेत्र में FDI सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% कर दिया, जिससे विशिष्ट मामलों में 100% FDI की अनुमति मिल गई है.

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