मालदार हैं देश के सभी मौजूदा MLA, पूर्वोत्तर के इन 3 राज्यों के बजट से अधिक संपत्ति

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक नागालैंड,मेघालय और त्रिपुरा के संयुक्त बजट से कहीं अधिक देश के मौजूदा विधायकों की संपत्ति है। मौजूदा विधायकों की संपत्ति 73348 करोड़ रुपए है।;

Update: 2025-03-18 02:33 GMT

ADR Report on MLA Assets:  भारत के वर्तमान विधायकों की कुल घोषित संपत्ति 73,348 करोड़ रुपए है, जो नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों के वार्षिक बजट से अधिक है। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा जारी "ऑल इंडिया सिटिंग एमएलए रिपोर्ट 2025" में दी गई है। रिपोर्ट 4,092 विधायकों द्वारा शपथ पत्र में घोषित संपत्तियों पर आधारित है और यह राज्य विधायकों के बीच संपत्ति वितरण में भारी असमानता को उजागर करती है।

मुख्य राज्यों में विधायक संपत्ति का संकेंद्रण

रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के विधायकों के पास सबसे अधिक घोषित संपत्ति है। कर्नाटक शीर्ष पर है, जहां विधायकों की कुल संपत्ति ₹14,179 करोड़ है।महाराष्ट्र में यह आंकड़ा ₹12,424 करोड़ औरआंध्र प्रदेश में ₹11,323 करोड़ है।

औसत संपत्ति के आधार पर

  • आंध्र प्रदेश के विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति ₹65.07 करोड़ है,
  • कर्नाटक के विधायकों की ₹63.58 करोड़,
  • वहीं, त्रिपुरा के विधायकों की औसत संपत्ति सबसे कम ₹1.51 करोड़ है।
  • मणिपुर और मिजोरम के विधायकों की औसत संपत्ति भी ₹3 करोड़ से कम दर्ज की गई है।
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि करोड़ों की संपत्ति रखने वाले विधायकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

119 विधायक अरबपति (बिलियनेयर) हैं

  • कर्नाटक के 31 विधायक,
  • आंध्र प्रदेश के 27 विधायक,
  • महाराष्ट्र के 18 विधायक शामिल हैं।
  • भारत के 10 सबसे अमीर विधायक
  • इस रिपोर्ट में कुछ विधायकों की व्यक्तिगत संपत्ति ₹500 करोड़ से अधिक पाई गई है।


नाम पार्टी और राज्य घोषित संपत्ति (₹ करोड़ में)

  • पराग शाह बीजेपी, महाराष्ट्र 3,383
  • डी.के. शिवकुमार कांग्रेस, कर्नाटक 1,413
  • के.एच. पुट्टास्वामी गौड़ा निर्दलीय, कर्नाटक 1,267
  • प्रियकृष्ण कांग्रेस, कर्नाटक 1,156
  • चंद्रबाबू नायडू टीडीपी, आंध्र प्रदेश 931
  • वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी वाईएसआरसीपी, आंध्र प्रदेश 757

दलवार संपत्ति वितरण

  • राष्ट्रीय दलों से जुड़े विधायकों के पास सबसे अधिक घोषित संपत्ति है:
  • बीजेपी के 1,653 विधायकों के पास ₹26,270 करोड़ की संपत्ति है।
  • कांग्रेस के विधायकों के पास ₹17,357 करोड़ की संपत्ति है।
  • क्षेत्रीय दलों में, टीडीपी के विधायकों के पास ₹9,108 करोड़ की संपत्ति है, जो प्रति विधायक ₹67.97 करोड़ का औसत है, जो किसी भी पार्टी में सबसे अधिक है।
  • निर्दलीय विधायकों की कुल संपत्ति ₹2,388 करोड़ है, जिनकी प्रति विधायक औसत संपत्ति ₹37.31 करोड़ है।

विधायकों पर आपराधिक मामले

रिपोर्ट में विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों का भी उल्लेख किया गया है।

1,861 विधायक (45%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

1,205 विधायक (29%) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध शामिल हैं।

54 विधायकों ने अपने शपथ पत्र में हत्या के मामले की जानकारी दी है।

226 विधायकों पर हत्या के प्रयास के आरोप हैं।

चुनावी पारदर्शिता और धन का असर

रिपोर्ट में भारतीय चुनावों में बढ़ते आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई है।विधायकों की बढ़ती संपत्ति और चुनावी खर्च में वृद्धि से पता चलता है कि आर्थिक ताकत राजनीति में बड़ी भूमिका निभा रही है।रिपोर्ट में सख्त संपत्ति प्रकटीकरण, राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता और चुनावी वित्तीय सुधारों की सिफारिश की गई है, ताकि चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाया जा सके।

73,348 करोड़ रुपए से अधिक की विधायक संपत्ति यह दर्शाती है कि भारतीय राजनीति में आर्थिक संसाधनों की भूमिका लगातार बढ़ रही है। कुछ राज्यों और राजनीतिक दलों में संपत्ति का अधिक संकेंद्रण चुनावी प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है। यह रिपोर्ट भारत में राजनीतिक प्रतिनिधित्व और शासन की बदलती आर्थिक संरचना को उजागर करती है।

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