ट्रंप सरकार का नया प्रस्ताव, अमेरिका से भारत रेमिटेंस भेजने पर देना होगा 5 फीसदी टैक्स, जानें डिटेल्स

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई योजना में अमेरिका से बाहर पैसे भेजने (रेमिटेंस) पर 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. इसका सीधा असर भारत भेजे जाने वाले पैसों पर पड़ेगा.;

Update: 2025-05-17 10:30 GMT
अमेरिका से स्वदेश पैसा भेजने पर कटेगी जेब (फाइल फोटो)

अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए भारत में अपने परिवार को पैसे भेजना अब महंगा पड़ सकता है. ट्रंप प्रशासन रेमिटेंस पर 5 फीसदी टैक्स लगाने की योजना पर विचार कर रहा है. इसका सीधा असर भारत भेजे जाने वाले पैसों पर पड़ेगा. ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले को लागू किया तो भारतीय प्रवासियों पर सालाना रेमिटेंस भेजने पर 1.6 अरब डॉलर का बोझ पड़ सकता है. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के एक हालिया लेख में 2023-24 के आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है.

क्या है मामला?

ट्रंप प्रशासन के एक प्रमुख विधेयक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि रेमिटेंस ट्रांसफर पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाए. यह प्रस्तावित टैक्स 40 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करेगा, जिनमें ग्रीन कार्ड धारक और H1B वीजा पर काम करने वाले लोग शामिल हैं. हालांकि, यह टैक्स अमेरिकी नागरिकों पर लागू नहीं होगा.

कितना असर होगा?

2023-24 में भारत को अमेरिका से लगभग 32.9 अरब डॉलर (USD) की रेमिटेंस मिल था. अगर इस पर 5% टैक्स लगाया जाए, तो करीब 1.64 अरब डॉलर (लगभग ₹13,700 करोड़) भारतीयों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा.

ज़्यादातर भारतीय पढ़ाई, इलाज, घर खर्च के लिए भारत में रहने वाले परिवार के सदस्यों को पैसा भेजते हैं. रेमिटेंस पर अतिरिक्त टैक्स लगने से गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर असर पड़ेगा.

भारत को कितनी रेमिटेंस मिलती है?

भारत को 2023-24 में कुल 129 अरब डॉलर की रेमिटेंस मिली है. अमेरिका रेसिटेंस का सबसे बड़ा स्रोत रहा है. भारत को मिलने वाले कुल रेसिटेंस में 27.7% रेमिटेंस सिर्फ अमेरिका से आया है. साल 2008 से ही भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा रेमिटेंस पाने वाला देश बना हुआ है. 2024 में विश्व बैंक के एक ब्लॉग के अनुसार, रेमिटेंस प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत (129 अरब डॉलर) पहले स्थान पर था, उसके बाद मैक्सिको (68 अरब डॉलर), चीन (48 अरब डॉलर), फिलीपींस (40 अरब डॉलर) और पाकिस्तान (33 अरब डॉलर) पर है. 

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