हरभजन ने धोनी की विरासत पर उठाए सवाल? आंकड़े साबित करते हैं उनका संघर्ष

CSK को अब अपनी रणनीति और टीम संयोजन पर गंभीरता से विचार करना होगा. धोनी के संघर्ष को नजरअंदाज करना सीएसके के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.;

Update: 2025-03-31 10:08 GMT

MS Dhoni for CSK: सीएसके की टीम में जो सबसे बड़ी समस्या है, वह धोनी का संघर्ष है. हरभजन सिंह ने इस पर टिप्पणी की है कि धोनी के साथ टीम का उलझा हुआ दृष्टिकोण सीएसके के लिए बहुत बड़ा नुकसान बन गया है. उन्होंने कुछ आँकड़े भी पेश किए, जो साबित करते हैं कि धोनी अब वह ताकत नहीं रहे, जो वह पहले थे?

हरभजन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि जब धोनी ने आईपीएल 2023 के बाद से मैचों में बल्लेबाजी की है तो उन्होंने जीत में सिर्फ 9 गेंदों पर 3 रन बनाए हैं और उसमें कोई चौका या छक्का नहीं था. वहीं, हार में उन्होंने 84 गेंदों पर 166 रन बनाए, जिसमें 13 चौके और 13 छक्के थे. इसका मतलब यह है कि धोनी का औसत सीएसके के जीतने वाले मैचों में 8 है. जबकि हारने वाले मैचों में उनका औसत 49 है. कौन हारने वाले मैच देखना चाहता है?

रणनीति पर सवाल

हरभजन सिंह का मानना है कि सीएसके को अपनी रणनीति पर पुनः विचार करना चाहिए. धोनी को ऊपर भेजकर उन्हें स्वतंत्रता देना चाहिए और उनसे बड़े शॉट्स मारने को कहें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर धोनी रन बनाते हैं तो वह मैच को मोड़ सकते हैं. लेकिन यदि नहीं तो टीम को और अधिक कुछ करने की आवश्यकता नहीं है.

इसके अलावा हरभजन ने सीएसके की टीम संयोजन पर भी सवाल उठाए हैं, खासकर गायकवाड और कॉनवे की स्थिति पर. गायकवाड को मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने की बजाय ओपनिंग करनी चाहिए और कॉनवे को प्लेइंग इलेवन में जगह दी जानी चाहिए. सीएसके ने हमेशा बेहतरीन ओपनर्स रखे हैं. जैसे मैथ्यू हेडन, ब्रेंडन मैकुलम और डेवोन कॉनवे. लेकिन अब इन दोनों का रोल ठीक से नहीं हो पा रहा, जिससे टीम संयोजन पर असर पड़ रहा है. हरभजन ने कहा कि गायकवाड ने खुद को नीचे धकेल लिया है. जबकि वह एक शानदार ओपनर हैं. सीएसके को उन्हें ओपनिंग पोजीशन पर भेजना चाहिए. वहीं, कॉनवे को भी टीम में शामिल करना चाहिए. लेकिन वह फिलहाल प्लेइंग इलेवन से बाहर हैं.

बल्लेबाजी का संकट

सीएसके की बल्लेबाजी में अब वह आक्रामकता नहीं रही. शिवम दूबे के आउट होते ही ऐसा लगता है, जैसे मैच खत्म हो गया हो. टीम में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं है, जो आसानी से चौके और छक्के मार सके. ऋतुराज गायकवाड ने अच्छे रन बनाए. लेकिन उनमें इंटेंट की कमी थी. जडेजा भी अपनी पारी को गति नहीं दे पाए और बड़े शॉट्स मारने में असमर्थ रहे.

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