नाश्ते में ये खाने से जल्दी बिगड़ती है सेहत और एनर्जी लेवल रहता है लो

रिसर्च के अनुसार, जो लोग पौष्टिक नाश्ता करते हैं उनकी बॉडी और ब्रेन अधिक ऐक्टिव रहते है और ये लोग थकान या सुस्ती से भी बचे रहते हैं। तो क्या खाएं और क्या न खाएं;

Update: 2025-06-14 15:18 GMT
एनर्जी लेवल, फिजिकल और मेंटल हेल्थ, सब नाश्ते से सीधेतौर पर जुड़ा है।

Healthy Breakfast Tips : दिन का पहला मील यानी कि हमारा नाश्ता केवल पेट भरने का साधन नहीं है। बल्कि यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को फ्रेश स्टार्ट देने का काम करता है। और दिनभर के लिए एनर्जी स्टोर करने का काम करता है। रिसर्च के अनुसार, जो लोग पौष्टिक नाश्ता करते हैं, उनकी बॉडी और ब्रेन अधिक ऐक्टिव रहते है, और ये लोग थकान या सुस्ती से भी बचे रहते हैं।

वहीं, सुबह के नाश्ते में चाय टोस्ट और ब्रेड या पाव खाने वाले लोगों में फिजिकल पॉवर, डायजेस्टिव सिस्टम और मेंटल इंबैलेंस के साथ ही वजन से जुड़ी समस्याएं अधिक देखने को मिलती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आपका नाश्ता ऐसा हो जो हेल्दी, संतुलित और पोषण से भरपूर हो। आइए जानते हैं उन आम गलतियों के बारे में जो हम सुबह नाश्ते में करते हैं और अनजाने में ही अपनी हेल्थ को रिस्क में डाल रहे हैं...

दिन की शुरुआत बेड-टी के साथ

कुछ लोगों की आंख ही तब खुलती है, जब उन्हें बिस्तर पर ही चाय मिल जाती है। जाहिर है,आज भी ज्यादातर घरों में ऐसे नखरे सिर्फ जेंट्स ही दिखा सकते हैं...तो मेल हेल्थ से जुड़े रिस्क फैक्टर का बेड-टी से भी बड़ा कनेक्शन देखने को मिलता है।

दिन की शुरुआत चाय-बिस्किट के साथ

बहुत से लोग दिन की शुरुआत चाय और बिस्किट के साथ करते हैं। लेकिन यह आदत शरीर को सिर्फ कैफीन और रिफाइंड कार्ब्स देती है, न कि कोई पोषण। British Journal of Nutrition (2020) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, खाली पेट कैफीन लेने से गैस्ट्रिक म्यूकोसा पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे एसिडिटी, अपच और गैस जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

इसके अलावा, बिस्किट में मौजूद ट्रांस फैट और रिफाइंड शुगर ब्लड शुगर को अचानक बढ़ाते हैं और फिर तेजी से गिरा देते हैं। इससे शरीर में अचानक थकान, चिड़चिड़ापन और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। Harvard T.H. Chan School of Public Health के मुताबिक, ऐसे हाई ग्लाइसेमिक ब्रेकफास्ट से दिनभर में मूड स्विंग्स, लो एनर्जी और ओवरइटिंग की आदत बढ़ती है।

सुबह के नाश्ते में मिठाई या डेज़र्ट खाना

कुछ लोगों को नाश्ते में जलेबी, खीर या कस्टर्ड खाना पसंद होता है। ऐसा क्षेत्रीय कारणों से भी होता है क्योंकि कुछ जगहों पर सुबह के समय ही हलवाई के यहां गर्म जलेबी छनती हैं... तो दूध और जलेबी का स्वाद लेकर नाश्ता पूरा कर लेते हैं। ऐसा कभी-कभी ठीक हो सकता है, अक्सर ऐसा ना करें। क्योंकि ये एनर्जी नहीं, सुस्ती का कारण बन सकता है। हालांकि इसे शाम के समय लेंगे तो अधिक लाभ मिलेगा।

लेकिन सुबह के समय ये फूड्स हाई शुगर लोड के कारण पैंक्रियाज़ को झटका देते हैं, जिससे इंसुलिन का फ्लक्चुएशन होता है। Harvard Medical School की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुबह अत्यधिक शक्कर लेने से दिनभर सुस्ती, ब्लड शुगर ड्रॉप और मोटापा बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है।


इंस्टेंट फूड्स

इंस्टेंट नूडल्स या प्रिज़र्वेटिव युक्त रेडी-टु-ईट फूड्स में आमतौर पर हाई सोडियम, ट्रांस फैट और आर्टिफिशियल फ्लेवर पाए जाते हैं, जो बार-बार सेवन किए जाने पर शरीर पर गंभीर प्रभाव डालते हैं। World Health Organization (WHO) और Journal of the American College of Cardiology (JACC, 2021) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक सोडियम का सेवन उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), ब्लोटिंग और हृदय रोग (Cardiovascular Issues) के जोखिम को बढ़ाता है।

इसके अलावा, Harvard School of Public Health के मुताबिक, ट्रांस फैट पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसे जोखिमों को जन्म देते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि सुविधा के नाम पर ऐसे खाद्य पदार्थों को आदत न बनाया जाए, क्योंकि ये शरीर को पोषण नहीं बल्कि केमिकल्स से भर देते हैं, जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।


ब्रेड-पाव और बन

ब्रेड और रिफाइंड मैदा से बनी चीजें नाश्ते में खाने से सिर्फ भरता है पेट,पोषण नहीं मिलता। नाश्ते में ब्रेड, पेस्ट्री या टोस्ट खाना आज की जनरेशन के बीच काफी कॉमन है। लेकिन इनमें अधिकतर रिफाइंड मैदा होता है, जिसमें फाइबर और जरूरी पोषक तत्वों का अभाव होता है। WHO के अनुसार, अत्यधिक रिफाइंड कार्ब्स पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस की ओर ले जा सकते हैं। इससे वजन और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

पूड़ी- पराठा और समोसे 

सुबह-सुबह तेल से भरे फूड्स नुकसानदेय होते हैं। तले-भुने भारी नाश्ते जैसे पूड़ी, समोसे, या आलू के पराठे आदि खाने से शरीर पर अत्यधिक कैलोरी और तेल का लोड आता है। इससे पेट में भारीपन, गैस और सुस्ती जैसी समस्याएं होती हैं। Indian Journal of Clinical Nutrition में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, सुबह अधिक तला-भुना खाना मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।

नाश्ते में क्या खाएं?

अब सवाल ये उठता है कि आखिर नाश्ते में क्या खाया जाए? तो इस का उत्तर है कि आप नाश्ते में नमकीन दलिया, ओट्स, मिलेट्स, दूध-रोटी, दूध और ड्राईफ्रूट्स, दूध का दलिया, चीला इत्यादि खा सकते हैं।

नाश्ता दिन का सबसे अहम भोजन है, इसलिए इसे सिर्फ आदत या स्वाद के आधार पर नहीं चुनना चाहिए। सुबह का भोजन ऐसा होना चाहिए जो शरीर को पोषण, ऊर्जा और मेटाबॉलिक बैलेंस प्रदान करे। गलत नाश्ता दिनभर की परफॉर्मेंस और हेल्थ दोनों पर नकारात्मक असर डाल सकता है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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